ഒന്പതാം ക്ലാസ്സിലെ കൂട്ടികള്ക്ക് കൂടുതല് പ്രയാസം അനുഭവിക്കാതെ പരീക്ഷയെ അഭിമുഖീകരിക്കാന് കഴിഞ്ഞു എന്നാണ് ഹിന്ദിബ്ലാഗിന്റെ സ്നേഹിതര് അറിയിക്കുന്നത്. പരീക്ഷ കഴിഞ്ഞ് അടുത്ത നിമിഷം തന്നെ ഉത്തരസൂചിക അയച്ചു തന്നു കൊണ്ട് നമ്മളോട് സഹകരിച്ച ശ്രീമതി ശൈല ടീച്ചര്ക്ക് പ്രത്യേകം നന്ദി അറിയിക്കുമ്പോഴും ഉത്തര സൂചികകള് അയച്ചു തന്ന മറ്റു സുഹൃത്തുക്കളോടുമുള്ള നന്ദി പ്രത്യേകം അടിവരയിടുന്നു. പ്രതികരണങ്ങള് ഞങ്ങളുടെ പ്രവര്ത്തനങ്ങള്ക്ക് ശക്തി പകരുമെന്ന് പറയേണ്ടതില്ലല്ലോ....
उत्तर सूचिका
पहला
कालांत आकलन
कक्षा-9
उत्तर
सूचिका
1.
पाठ
|
प्रोक्ति
|
रचयिता
|
पाँव तले
दबी गर्दन
|
उपन्यास
अंश
|
प्रेमचन्द
|
खेती नहीं
करनेवाला किसान
|
कविता
|
निलय उपाध्याय
|
मेमना
|
लंबी कहानी
|
लोकबाबू
|
2. = डिब्बे
में बहुत भीड़ थी।
= जनता
को अपनी यात्रा बहुत दिनों
तक याद रहती है।
= लड़कों
ने अपनी उपस्थिति से पूरे
डिब्बे में आतंक-सा
मचा रखा था।
= लोग
चुप थे और ज़रूरी होने पर
फुसफुसा लेते थे।
3. + खुशामद
करनेवाला।
+ ठेठ
और भारतीय किसानों की प्रतिनिधि।
4. यात्री
की पत्नी ने कहा।
5. घमंड
भरी डाँट सुनना।
6. बैल।
7. द्वितीय
श्रेणी का।
8. ज़मीन्दार
को। वे मेहनत का मूल्य नहीं
जानते।
9. आरक्षित,
साफ-सुधरे
डिब्बे में अफसर लोग आराम से
बैठकर यात्रा कर सकते हैं।
10. आज
की नयी पीढ़ी खेती से विमुखता
प्रकट करती है। खेती से कोई
लाभ न मिलने पर वे खेती छोड़कर
अन्य कामों
पर जुटे रहते हैं।
11. भरी,
की,
साथी,
रही थी।
12.
आरक्षित X अनारक्षित
सुना X अनसुना
फिक्र X बेफिक्र
शांत X अशांत
13. सोना।
14. मेरा
जीवन।
15.
ये पंक्तियाँ
श्रीमती सुभद्राकुमारी चौहान
की मेरा जीवन नामक कविता का
अंश है। कवयित्री कहती है कि
वे जीवन में रोना नहीं जानती
हैं,क्योंकि
उन्होंने हंसना सीखा है। उनके
जीवन में हर पल सोना रूपी सुख
बरसता है। कवयित्री को कभी
पीड़ा का अनुभव नहीं हुआ है।
16. होरीराम
और धनिया
होरीराम
भारतीय किसानों का प्रतीक
है। धूप-बर्फ-बरसात
की चिंता किए बिना दिन-रात
तन-तोड़
मेहनत करनेवाले किसान अपने
परिवार को ठीक रूप से संभाल
नहीं कर सकता। आलस और सुखी लोग
उसकी मेहनत का फायदा उठाते
हैं। ऐसी हालत में होरी की
पत्नी धनिया उससे विद्रोह
प्रकट करती है। यह कार्य गलत
है, ऐसा
कह नहीं सकते,
क्योंकि आज काम
किए बिना सुखी जीवन बिताने
में इच्छुक लोगों का युग हैं।
17.
धनिया की डायरी
07-09-2015,सोमवार
यह
कैसी ज़िन्दगी है!
पति की हालत
देख-देखकर
मैं और भी सूख जाती हूँ। हमारी
गरीबी कब दूर होगी?
इतना कठिन मेहनत
करने पर भी पति और बच्चों को
कोई स्वादिष्ट भोजन तक नहीं
दे सकती, आधा
पेट भी भरा नहीं सकती। फिर भी
ज़मीन्दार का लगान बेबाक नहीं
होता।
18.
किसान और मंझले
भाई के बीच का वार्तालाप :
भाई
: भैया,मिलके
कई दिन हुए हैं न?
किसान :
मैं बीज की तलाश
में हूँ। पिछली बार मिले बीज
बहुत अच्छे थे। ऐसे बीज मिलेंगे?
भाई :
क्षमा करें,
इस बार मेरे पास
बीज नहीं है। भैया और क्या बात
है?
किसान :
तेरी बकरी का क्या
हुआ?
भाई :
उसने तीन बच्चों
को जन्म दिया है। लेकिन तीनों
को बकरी दूध न दे सकती,
क्या तुम एक
मेमना पाल सकते
हो?
किसान :
हाँ,
मैं तैयार हूँ।
मुझे दे दो।
भाई :
ठीक है।
किसान
: गाड़ी
का समय है। मैं चलता हूँ।
19.
क्रोध।
20.
विशेषण।
21.
वह।
22.
किसी व्यक्ति को
सुधारने के लिए मीठे शब्द काम
में नहीं आते तो उस पर क्रोध
दिखाना पड़ेगा। इसलिए क्रोध
को बिलकुल छोड़
देना अच्छा नहीं।
23. पोस्टर :
युद्ध
विनाशकारी है
छोडो.....युद्ध
हम
एक साथ शांतिगीत गाकर दुनिया
को स्वर्ग बनाएँ।
हिंदी
मंच
सरकारी
उच्च माध्यमिक विद्यालय-मणियूर