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Saturday 18 March 2017


GHSS, Kadannappally, Kannur
SSLC Hindi Model Examination March 2017
Marks 40 Time: 90 Minutes
सूचनाः निम्नलिखित लघु कविता पढ़ें और 1 से 3 तक के प्रश्नों के उत्तर लिखें।
एक बीज था गया समय नहीं है सोने का
बहुत ही गहराई में बोया उठकर बाहर तो आओ
उसी बीज के भीतर था आँख खोल नन्हा पौधा
इक नन्हा पौधा सोया धीरे से बाहर तो आया।
काली-काली बदली ने बाहर का संसार बड़ा ही
फिर उसपर जल बरसाया सुंदर उसने पाया।
सूरज बोला प्यारे पौधे
सोते से जग जाओ
(बीजः വിത്ത് गहराई मेंः ആഴത്തില്‍ बोनाः വിതക്കുക बदलीः बादल, മേഘം)
1. कविता में किसका वर्णन है? (बदली का, संसार का, पौधे का) 1
पौधे का
2. सूरज नन्हे पौधे से क्या बोला? 2
नन्हे पौधे से सूरज बोला- हे नन्हे पौधे, अपनी नींद छोड़कर जागो। यह समय सोने का नहीं है, जागो और काम में लग जाओ।
3. प्रस्तुत आशयवाली पंक्तियाँ चुनकर लिखें। 2
अब सोने का समय नहीं है, नींद से जग जाओ।
सोते से जग जाओ
समय नहीं सोने का
सूचनाः बीरबहूटी कहानी का निम्नलिखित अंश पढ़ें और 4 से 5तक के प्रश्नों के
उत्तर लिखें।
साहिल की आँखें बीरबहूटी की तरह लाल होने लगी थीं और उनमें बारिश की बूँदों-सा पानी भर गया था। बेला कहने लगी, "मैं चिढ़ाऊँ अब तुम्हें? रोनी सूरत साहिल रोनी सूरत साहिल।"
4. साहिल की आँखें बीरबहूटी की तरह लाल होने लगी थी.. क्यों? 2
पाँचवीं का रिज़ल्ट आ गया। अगले साल साहिल और बेला दोनों अलग-अलग स्कूलों में पढ़नेवाले हैं। इसलिए साहिल बहुत दुखी था, और उसकी आँखें भर गई थीं
5. इस समय बेला की आँखें कैसी थीं? क्यों? 2
बेला की अाँखें भी डबडबा रही थीं। क्योंकि वह भी अगले साल साहिल को छोड़कर अलग स्कूल में पढ़ना नहीं चाहती थी। इसलिए वह भी रो रही थी।




6. जोड़िए- 3
सोनार किला
नकटू
गुठली का भैया
ऊँट
माइकल
सत्यजीत राय

सोनार किला
सत्यजीत राय
गुठली का भैया
नकटू
माइकल
ऊँट
सूचनाः निम्नलिखित अंश पढ़कर प्रश्न 7 और 8के उत्तर लिखें।
ठाकुर कौन है, कौन है पुकारते हुए कुएँ की तरफ़ आ रहे थे और गंगी जगत से कूदकर भागी जा रही थी।
7. इस प्रसंग पर गंगी की डायरी कल्पना करके लिखें। 4
तारीखः ........................
कुएँ के पानी से बदबू आने के कारण पिया नहीं जाता था। पति की तबीयत ठीक भी नहीं थी। ठाकुर और साहू के कुओं से हम जैसे पिछड़ी जातिवालों को पानी लेने की अनुमति न होने के कारण चोरी-चोरी, छिपके-छिपके ठाकुर के कुएँ से पानी निकालने गयी। रात को ठाकुर का दरवाज़ा बंद होने पर मैं कुएँ की जगत पर चढ़कर अत्यधिक सावधानी से पानी निकाल रही थी। उसके बीच ठाकुर का दरवाज़ा खुला। वे कौन कौन है पुकारते हुए कुएँ की ओर आ रहे थे मैं जगत से कूदकर भागी, किसी तरह अपने घर पहुँची। हे भगवान! मैं बहुत डर गई थी। आज का दिन मैं कभी नहीं भूल सकती।
8. गंगी जगत से कूदकर भागी जा रही थी।
गंगी के स्थान पर जोखू का प्रयोग करके वाक्य का पुनर्लेखन करें 1
जोखू जगत से कूदकर भागा जा रहा था।
सूचनाः 'टूटा पहिया' कविता का यह अंश पढ़ें और 9 से 11 तक के प्रश्नों के उत्तर लिखें।
अपने पक्ष को असत्य जानते हुए भी
बड़े-बड़े महारथी
अकेली निहत्थी आवाज़ को
अपने ब्रह्मास्त्रों से कुचल देना चाहें
तब मैं
रथ का टूटा हुआ पहिया
उसके हाथों में ब्रह्मास्त्रों से लोहा ले सकता हूँ!
9. यहाँ किसके पक्ष को असत्य का पक्ष माना गया है? 1
यहाँ कौरव पक्ष को असत्य का पक्ष माना गया है।

10. 'अकेली निहत्थी आवाज़'- यहाँ किसके बारे में संकेत है? 1
यहाँ अभिमन्यु की ओर संकेत है।
11. कविता के आधार पर आस्वादन टिप्पणी लिखें। 4
टूटा पहिया हिंदी के प्रसिद्ध कवि धर्मवीर भारती की एक प्रसिद्ध कविता है। इस कविता के द्वारा कवि लघु मानव की प्रधानता पर बल देते हैं।
कवि महाभारत के एक पौराणिक प्रसंग का सहारा लेते हैं। चक्रव्यूह को भेदकर उसमें प्रवेश किया अभिमन्यु उसमें फँस जाता है। कौरव पक्ष के सभी महायोद्धा एकसाथ मिलकर अभिमन्यु पर आक्रमण करते हैं। उसके घोड़े, रथ, हथियार- सब नष्ट कर देते हैं। तब उसे रथ का एक टूटा पहिया ही एकमात्र सहारा बन जाता है। इस टूटे पहिए की सहायता से वह उन महारथियों
से थोड़ी देर के लिए अपनी रक्षा करता है और अंत में मारा जाता है।
यहाँ एक सारहीन या तुच्छ टूटा पहिया ही वीर योद्धा अभिमन्यु के लिए सहायक बनता है। इसी प्रकार समाज के तुच्छ माने जानेवाले मानव भी क्रांति (विप्लव) के वाहक बन सकते हैं
और सामाजिक परिवर्तन संभव करा सकते हैं। अतः हमें यह मानना चाहिए कि समाज के तुच्छ माने जानेवाली बातें भी कभी--कभी बड़ी सहायक हो सकती हैं।
वर्तमान समाज में भी तुच्छ माने जानेवाले मानव का महत्वपूर्ण स्थान है। सच्चे प्रजातंत्र में कोई भी व्यक्ति तुच्छ नहीं होता। शासन का निर्णय भी उसके हाथों से हो सकता है। याने यह कविता बिलकुल अच्छी और प्रासंगिक है।
सूचनाः 'गुठली तो पराई है' का यह अंश पढ़ें और 12 से 13तक के प्रश्नों के उत्तर लिखें।
गुठली बोली, "अपना घर? यही तो है मेरा घर, जहाँ मैं पैदा हुई।" बुआ हँसके बोली, "अरी, बेवकूफ़ यह घर तो पराया है। बाकी लड़कियों की तरह तू भी किसी और की अमानत है।"
12. इस प्रसंग पर गुठली और बुआ के बीच का संभावित वार्तालाप कल्पना करके लिखें। 4
बुआः गुठलिया ओ गुठलिया।
गुठलीः क्या बात है बुआ?
बुआः बेटा, तुम्हें ऐसा पट-पट मत बोलना है, धम-धम मत जलना है।
गुठलीः क्यों बुआ?
बुआः क्योंकि तुम एक लड़की हो।
गुठलीः तो क्या हुआ?
बुआः ऐसे ही करेगी क्या अपने घर जाकर?
गुठलीः अपने घर? क्या मतलब? यही तो मेरा अपना घर है।
बुआः अरी बेवकूफ़ यह घर तो पराया है।
गुठलीः कैसे?
बुआः बाकी लड़कियों की तरह तू भी किसी और की अमानत है।
गुठलीः तो मेरा घर क्या है?
बुआः ससुराल ही तेरा असली घर होगा।
गुठलीः मैं नहीं मानती।

13. गुठली की प्रतिक्रिया पर आपका विचार क्या है? 2
लड़का-लड़की दोनों को समान अधिकार मिलना चाहिए। हमारे संविधान में लड़के-लड़कियों को समान अधिकार निश्चित किया है। लेकिन आज भी अनेकों परिवारों में पक्षपातपूर्ण व्यवहार चल रहा है। यह बिलकुल गलत है।
सूचनाः निम्नलिखित वाक्य पढ़कर 14 से 16 तक के प्रश्नों के उत्तर लिखें।
उसके बाद जैसे-जैसे रेल का आगे का सफर शुरू हुआ एक-एक करके हमारे गरम कपड़े उतरने लगे।
14. उसके बाद जैसे-जैसे रेल का आगे का सफर शुरू हुआ ....
'सफर' के बदले में 'यात्रा' का प्रयोग करके वाक्य का पुनर्लेखन करें। 1
उसके बाद जैसे-जैसे रेल की आगे की यात्रा शुरू हुई...
15. अपनी जैसलमेर यात्रा को लेखक ने क्यों कहा है कि 20-20 ओवर का मैच जैसा? 2
जैसलमेर जैसे सुंदर जगह के दर्शन के लिए तीन दिन बिलकुल अपर्याप्त है। क्योंकि वहाँ देखने योग्य अनेक स्थान हैं। इसलिए लेखक ने ऐसा कहा है।
16. हमारे गरम कपड़े उतरने लगे।
'कपड़े' के बदले में 'कपड़ा' शब्द का प्रयोग करके वाक्य का पुनर्लेखन करें। 1
हमारा गरम कपड़ा उतरने लगा।
सूचनाः निम्नलिखित कवितांश पढ़ें और प्रश्न17 का उत्तर लिखें।
बच्चे काम पर जा रहे हैं
हमारे समय की सबसे भयानक पंक्ति है यह
17. कविता के संदर्भ में बालश्रम रोकने का संदेश देते हुए एक पोस्टर तैयार करें। 4
आज के बच्चे कल के नागरिक हैं
बच्चे खेल-कूदकर बड़े हों
पढ़-लिखकर ज्ञान प्राप्त करें
बच्चों से काम करवाना अपराध है
बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास में बाधा न डालें
बाल सेवा समिति, कण्णूर
सूचनाः निम्नलिखित अंश पढ़ें और प्रश्न 18 का उत्तर लिखें।
मासूमियत में उसने थोड़ी देर पहले फटी माँ की आवाज़ और उसके फुसफुसाने की भी नकल उतारी।
18. चार्ली के इस व्यवहार पर आप अपना विचार प्रकट करें। 3
चार्ली केवल पाँच साल का एक छोटा लड़का है। वह गीत गाने, अभिनय करने और किसी का नकल करने में बहुत होशियार है। जब उसकी माँ की आवाज़ में फुसफुसाहट आई और उसे स्टेज छोड़ना पड़ा, चार्ली स्टेज पर कार्यक्रम प्रस्तुत करने में मज़बूर हो जाता है। इस समय वह अन्य लोगों के नकल उतारते समय अपनी माँ की फटी आवाज़ को उतारना न भूला। इससे उस छोटे बच्चे की मासूमियत भी व्यक्त होता है





SSLC Hin Qn Mar 2017 Model Answer Paper



SSLC Hindi Qn Mar. 2017 Model Answer Paper
1 से तीन तक के प्रश्न 'सबसे बड़ा शो मैन' के आधार पर
1. चार्ली की मासूमियत से प्रभावित था(सही प्रयोग 'थे' है)                                  1
2. दर्शक चार्ली की प्रस्तुति और मासूमियत से प्रभावित थे। इसलिए अंत में दर्शकों ने तालियाँ
   बजाकर माँ का स्वागत किया।                                                               2
3. चार्ली की माँ की डायरी                                                          4
    तारीखः........................
    आज मेरी जिंदगी में एक विचित्र घटना हुई। जब मैं स्टेज पर गाना गा रहा था तब मेरी आवाज़ फटकर फुसफुसाहट में बदल गई। पहले दर्शक लोग सोच रहे थे कि माइक खराब है। लेकिन जब उन्हें पता चला कि मैं गा नहीं पा रही हूँ वे म्याऊँ-म्याऊँ करने लगे, हल्ला मचाने लगे। हे भगवान! मैं बहुत डर गई थी। मेरे सामने कोई उपाय नहीं था। मैं ने स्टेज छोड़ दिया। मैनेजर ने मेरे बेटे को मज़बूर करके स्टेज पर भेजा। क्योंकि उन्होंने चार्ली को गीत गाते हुए, अभिनय करते हुए और किसी का नकल उतारते हुए देखा था। चार्ली गीत गाना शुरू किया। पहले उसका गाना आर्कस्ट्रा के साथ नहीं चल रहा था। लेकिन जल्दी ही ठीक हो गया। उसने गीत गाकर, अभिनय करके और नकल उतारकर दर्शकों को बहुत खुश किया। नकल उतारते समय मेरी फटी आवाज़ को भी उसने नहीं छोड़ा था। स्टेज पर पैसों की बौछार हुई। उस प्रकार मैं अपमान से बच गई। सभी लोग मेरे पास आकर बेटे की तारीफ करने लगे। आज का दिन मेरे लिए एक विशेष दिन था।
    4 से 6तक के उत्तर अपठित कवितांश के आधार पर
4. अगर पानी नहीं होता तो भूमंडल सूखा रहता                                         1
5.           होता नहीं अगर जो पानी                                                        2
             भूमंडल सूखा रह जाता
             जीवजंतु क्या प्राणिमात्र भी
             नहीं जन्म कोई ले पाता।
6. पानी के महत्व पर पोस्टर 4
मार्च 22 विश्व जल दिवस
जल है तो कल है  
जल जीवन का आधार है
जल का इस्तेमाल सावधानी से करें
जल का दुरुपयोग न करें
एक-एक बूँद बचाएँ
जल नहीं तो हम भी नहीं
पेड़ लगाएँ, प्रदूषण रोके, प्रकृति की रक्षा करें।
जल संरक्षण समिति, कैतप्रम
   7 से 9तक के प्रश्न 'बसंत मेरे गाँव का' के आधार पर
7. पशुचारकों की खुशी का कारण है- महीनों बाद घर लौटने का समय आया है।           1
8. ठंड के मौसम में बर्फीले इलाकों से पशुचारक निचले इलाकों में उतरते हैं। महीनों तक, फैले चरागाहों, घने जंगलों और अनजान बस्तियों में भटकने के बाद अपने घर लौटने की खुशी उत्सव का माहौल रच देती है। वे गीत गाते हैं, नाचते हैं। उनके साथ उनके भेड़-बकरियाँ, घोड़े-खच्चर और कुत्ते भी होते हैं। रास्ते में आनेवाले गाँवों से उनका लेन-देन भी होता रहता है। इन गाँवों से उनका सदियों का रिश्ता है।                                                                              2
9. पटकथा                                                                               4
दृश्य का वर्णनः
पात्रः दो पशुचारक, एक करीब 40 साल का, दूसरा करीब 45 साल का। दोनों धोती,
कुर्ता और पगड़ी पहने हैं।
एक गाँववाला, करीब 50 साल का, धोती और बनियान और पगड़ी पहना है।
स्थानः गाँव की एक सड़क के किनारे।
समयः शामको छह बजे।
संवादः
पशुचारक 1: नमस्ते भैया, क्या चाहिए आपको?
गाँववालाः मुझे कुछ जड़ी-बूटियाँ चाहिए।
पशुः बताइए क्या-क्या चाहिए? कीड़ाजड़ी, करण और चुरु हमारे पास हैं।
गाँवः मुझे थोड़ा सा कीड़ाजड़ी और चुरु चाहिए।
पशुः इतनी तो बाकी पड़ी है। यह तो 120 रुपए का है।
गाँवः मेरे पास सौ रुपए ही हैं।
पशुः कोई बात नहीं, अगले साल बाकी दीजिए।
गाँवः ठीक है। दीजिए। बाकी 20 रुपए अकले साल दे दूँगा।
     प्रश्न 10 और 11 'जैसलमेर' के आधार पर
10. लेखक – दुकानदारः वार्तालाप                                                  4
दुकानादारः आइए साहब। अन्दर आके देखिए न।
मिहिरः मैं तस्वीरें ले रहा था।
दुकाः ठीक है, अन्दर आके देखिए। हमारा भी फोटो ले लीजिए न।
मिहिरः भाई साहब, यह क्या लिखके रखा है पट्टी पर?
दुकाः क्या आपने लोनली प्लैनट के बारे में सुना है?
मिहिरः हाँ सुना है, पर्यटक गाइड़ है न।
दुकाः हाँ वही है। उसमें किसी ने इस जगह के बारे में कुछ खराब लिख दिया है। इसलिए विदेशी
पर्यटकों का यहाँ आना बहुत कम हो गया है।
मिहिरः ऐसी बात है? इसलिए आपके व्यापार में कमी हो गई है?
दुकाः ज़रूर साहब। उनका विरोध प्रकट करने के लिए हमने ऐसा लिख रखा है।
मिहिरः वाह! लोनली प्लैनट के प्रति गुस्सा दिखाने का आपका यह तरिका मुझे बहुत अच्छा लगा।
दुकाः और क्या करें? धन्यवाद जी।
मिहिरः धन्यवाद।
11. कई लोग मुझे बुलाने लगते                                                               1
12 से 14 तक के प्रश्न अकाल और उसके बाद के आधार पर
12. दीवार का समानार्थी शब्द है भीत                                                      1
13. अकाल की भूख और गरिबी के कारण चूहों की हालत भी बहुत शोचनीय थी            1
14. कविताँश पर आस्वादन टिप्पणी                                                        4
       ये पंक्तियाँ हिंदी के प्रसिद्ध कवि नागार्जुन की कविता अकाल और उसके बाद से ली गई हैं। इस कवितांश के द्वारा कवि यह बताना चाहते हैं कि अकाल का प्रभाव मनुष्यों पर ही नहीं छोटे-छोटे जीव-जंतुओं पर भी कितना होता है।
        कवि इस कविता के द्वारा यह व्यक्त करना चाहते हैं कि अकाल के कारण घर के मानवों के साथ उस घर में रहनेवाले विभिन्न जीव-जंतुओं पर भी पड़ता है। यदि घर का चूल्हा जलता है और खाना पकाया जाता है तो उसका एक छोटा-सा अंश उस घर में रहनेवाले विभिन्न प्रकार के (छोटे-से-छोटे से लेकर बड़े तक) जीव-जंतुओं को मिलता है। घर में खाना न पकाने के कारण चूल्हा रोने लगा और चक्की उदास रहने लगी। उसके पास ही कानी कुतिया उदास सोता है। खाने की तलाश में छिपकलियाँ दीवार पर इधर-उधर चलने लगी। चूहों की भी हालत भिन्न नहीं है।
       परिवारों की गरीबी और आर्थिक कठिनाई का असर उस परिवार या घर के सभी पर पड़ता है। अकाल की पीड़ित घर की शोचनीय दशा का मार्मिक वर्णन करनेवाला यह कवितांश बिलकुल अच्छा और प्रासंगिक है।
15. सही मिलान                                                                            3
     और वैसे भी मैं तो पराई अमानत हूँ  - गुठली तो पराई है
     दुनिया सच में बहुत छोटी है दोस्तो  - जैसलमेर
     ड्राइवर ने खच्च से ब्रेक लगाया      - ऊँट बनाम रेलगाड़ी
(प्रश्न-पत्र में 'दोस्तों' दिया है, वह गलत है। क्योंकि संबोधन में बिंदी नहीं लगाई जाती।)
16. बेला के सिर पर पट्टी बाँधी थी                                                        1
17. कबूतर नीम के पेड़ की छाया में घायल पड़ा था।                                      1
18. अपने मित्र के नाम रानी का पत्र                                               4
                                                                            स्थानः ...............
                                                                           तारीखः ...............
प्रिय गीता,
      तुम कैसी हो? तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है? घर में सब कैसे हैं? मैं यहाँ ठीक हूँ।
      मैं इस पत्र के द्वारा एक घटना का वर्णन करना चाहती हूँ। आज दोपहर को तेज़ धूप में मैं पानी लेने बाहर निकली थी। सहसा नीम के पेड़ की डाली में एक कबूतर को घायल पड़ा देखा। शायद गरम हवा के कारण घायल होकर गिरा था। मैंने कबूतर को उठाकर पानी दिया और उसका उपचार किया। थोड़ी देर बाद वह आराम से उड़ गया।
     तुम्हारे माँ-बाप को मेरा प्रणाम। शेष बातें अगले पत्र में।
                                                                              तुम्हारी सहेली,
                                                                                  रानी।
सेवा में
      पी. गीता,
      गीता निवास,
      ...................
      ...................
(उपचा करनाः പരിചരിക്കുക)
(इस पत्र में शायद गरम हवा के कारण कबूतर घायल होकर गिरा था अनुचित लगता है। बेहोश होकर गिरा था ज़्यादा उचित लगता है।) (बेहोश होनाः ബോധരഹിതനാവുക)
                                                         तैयारीः रवि. एम., सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल, कडन्नप्पल्लि, कण्णूर।


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