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Wednesday 25 December 2013

निचोड़


അര്‍ദ്ധ സമ മാത്രാ വൃത്തമാണ് ദോഹ അഥവാ ഈരടി.വിഷമചരണങ്ങളില്‍ (ഒന്നാമത്തെയും മൂന്നാമത്തെയും ചരണങ്ങളില്‍) 13 മാത്രയും സമ ചരണങ്ങളില്‍ (രണ്ടാമത്തെയും നാലാമത്തെയും ചരണങ്ങളില്‍) 11 മാത്രയുമാണുണ്ടാവുക.ഓരോ ചരണത്തിനുമൊടുവില്‍ യതി (ചെറിയ നിറുത്ത്) ഉണ്ടാകും.ഹിന്ദിയിലെ അതിപ്രാചീന കവികളായ കബീര്‍ദാസ്, തുളസീദാസ്, സൂര്‍ദാസ്, മീരാബായ്, അബ്ദുള്‍ റഹിം കാര്‍ഖാനാ തുടങ്ങിയവരുടെ പ്രസിദ്ധരചനകള്‍ ഈ വൃത്തത്തിലാണ്.അതിശക്തവും വിശാലവുമായ ആശയങ്ങളെ കേവലം രണ്ട് വരികളില്‍ കോപ്പയ്ക്കുള്ളില്‍ സാഗരത്തെ എന്നതുപോലെ ഒതുക്കി വയ്ക്കുന്ന അത്ഭുത രചനാ സമ്പ്രദായമാണിത്.നിചോട് എന്ന പാഠഭാഗത്തെ രചനകള്‍ ദോഹകളെ പരിചയപ്പെടാന്‍ നിങ്ങളെ തീര്‍ച്ചയായും സഹായിക്കും.നിചോട് എന്ന വാക്കിന്റെ അര്‍ത്ഥം പിഴിഞ്ഞെടുക്കല്‍ എന്നാണ്.മൂല്യങ്ങള്‍ നഷ്ടപ്പെട്ടു പൊയ്ക്കൊണ്ടിരിക്കുന്ന ആധുനിക ജീവിത സാഹചര്യങ്ങളില്‍ മൂല്യങ്ങളെ കണ്ടെത്തി, സംരക്ഷിച്ചുകൊണ്ട് ജീവിക്കേണ്ടതുണ്ട്.അതൊരുതരം പിഴിഞ്ഞെടുക്കലാണല്ലോ?ഈ സന്ദേശംനല്കുന്ന ദോഹകളാണ് ഈ പാഠഭാഗത്തുള്ളത്.
मोड्यूल 1
  • ज् आधुनिक युग में सुख-भोग की इच्छा मनुष्य की प्रगति को रोकती है। लालच जैसे कीचड़ में
धँसनेवालों को उसमें से छुटकारा पाना बहुत मुश्किल है। भक्तिकाल के कवियों ने इन मुद्दों परबहुत चर्चा की है। ऐसे कवि थे- कबीरदास, तुलसीदास और अब्दुल रहीम खानखाना।
कबीर की जीवनी का यह अंश पढ़ें।
कबीरदास
भक्तिकाल के निर्गुण ज्ञानाश्रयी शाखा के सबसे विख्यात कवि है कबीरदास। उनका जन्म सं.1398 को काशी के लहरतारा नामक गाँव में हुआ। लेकिन पालन-पोषण नीरू और नीमा नामक मुसलमान दंपति के संरक्षण में था। वे अनपढ़ थे। पर देशाटन और साधुओं की संगति से वे ज्ञानी बने। पुस्तक उनका जीवन और अनुभव उनके गुरु थे। रामानन्द को कबीर के गुरु माना जाता है। वे एक अच्छे समाज-सुधारक भी थे। उनकी रचनाएँ "बीजक" नामक ग्रंथ में संग्रहीत हैं।
dकबीरदास कौन थे?
dउनकी विशेषताएँ क्या थीं?
dउनकी रचनाएँ किस ग्रंथ में संग्रहीत हैं?
भक्तिकाल की भाषा के साथ-साथ कबीर की भाषा का परिचय देने के लिए किसी एक दोहा छात्रों के सामने प्रस्तुत करें।
दोहा:
जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान।
मोल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान।।
भक्तिकाल की भाषा और आधुनिक हिंदी भाषा का परचय देने के लिए तालिका में कुछ शब्द लिख दें।
दोहे में प्रयुक्त शब्द समानार्थी हिंदी शब्द
तरवार तलवार
इस प्रकार के समानार्थी शब्द दोहों से ढूँढ निकालने का निर्देश दें।
मोड्यूल 2
ज् पाठ्यपुस्तक के कबीर के दोहे पढ़ें।
वाचन प्रक्रिया:
? "लालच बुरी आदत है"- इस तथ्य को समझाने के लिए कवि किन-किन का उदाहरण देते हैं?
? "माली" किसका प्रतीक है?
? "गुड़" किसका प्रतीक है?
? गुड़ से सटकर बैठनेवाली मक्खी की हालत क्या होती है?
ज् दोहे का सारांश लिखें।
ज् मनुष्य बड़ा ही लालची है। जितना भी मिले उससे वह तृप्त नहीं होता। और भी पाने की लालसा उसमें रहती है।
दूसरा दोहा:
वाचन प्रक्रिया:
? माया से क्या-क्या उत्पन्न होते हैं?
? "शरीर नश्वर है"- माया के संबंध में कबीर की राय क्या है?
? माया और तृष्णा ही मन को क्यों आकर्षित करती हैं?
ज् मनुष्य के मन में कई अभिलाषाएँ होती हैं। इसलिए माया और तृष्णा मानव के मन को सदा
आकर्षित करती हैं।
तीसरा दोहा:
? नाव में पानी बढ़ें तो क्या होगा?
? घर में धन-दौलत बढ़ें तो क्या होगा? "उलीचना" से क्या तात्पर्य है?
? कवि ने धन के अधिक होने पर पानी की तरह उलीचने को क्यों कहा?
ज् नाव में पानी बढ़ना और घर में धन-दौलत बढ़ना दोनों नाश का कारण बन जाएगा। बढ़ते हुए
पानी को बाहर निकाल देना और अधिक धन दूसरों में बाँटना सज्जनों के कार्य हैं।
? चार्ट पर व्रजभाषा और खड़ीबोली भाषा के कुछ शब्द तालिका में दें। छात्र उनका सही मिलान
करें।
दोहे में प्रयुक्त शब्द हिंदी रूप
माखी शरीर
मुई सज्जन
आसा मक्खी
सरीर दोनों
दोउ मरा
सयाना आशा

अतिरिक्त कार्य: दोहा क्रमबद्ध करके लिखें और उचित तत्व कोष्ठक से चयन करके लिखें।
पंख रह्यो लिपटाय
हाथ मलै और सिर धुनै
साखी गुड़ में गाडि रही
लालच बुरी बलाय
(अधिक धन दूसरों में बाँटना; लालच बुरी बात है; माया का नाश नहीं होता)
? प्रत्येक दोहे का सारांश लिखें।
? वर्तमान समाज की किसी घटना पर कबीर के दोहों की प्रासंगिकता पर लेख तैयार करें।
मोड्यूल 2
आप यह प्रोफाइल दें:
समाज में स्थान: सगुण भक्तिधारा की रामक्तिशाखा के कवि
नाम तुलसीदास
जन्म काशी
माता-पिता आत्माराम और हुलसी
गुरु आचार्य नरहरिदास
शिक्षा संस्कृत के पंडित
रचनाएँ रामचरितमानस (महाकाव्य)
विनयपत्रिका, कवितावली, गीतावली, दोहावली
? इसकी सहायता से तुलसी की एक जीवनी तैयार करें।
? लेखन प्रक्रिया:
ज् भक्तिकाल की रामभक्तिशाखा के सगुणभक्त कवि हैं- तुलसीदास। उन्होंने भी कुछ नीति-संबंधी दोहे लिखे हैं। पढ़ें-
वाचन प्रक्रिया:
पहला दोहा:
? काम, क्रोध और लोभ के क्या परिणाम होते हैं?
? पंडित लोग किस-किस बुरे गुणों से मुक्त हैं?
? मूर्ख और पंडित कब बराबर होंगे?
दूसरा दोहा:
वाचन प्रक्रिया:
? स्वाभिमान और संपत्ति में से तुलसी ने किसे अधिक महत्व दिया है?
? मेहमान के आने पर किसको हर्ष होना चाहिए?
? मेज़बान खुश न हो तो वहाँ न जाने का निर्देश तुलसी क्यों देता है?
? "कंचन बरसे" इससे क्या तात्पर्य है?
? तुलसी की राय में सबसे वड़ी संपत्ति क्या है?
तीसरा दोहा:
वाचन प्रक्रिया:
? सत्य और मिथ्या दोनों को विष कहने का कारण क्या है?
? सज्जन को माहुर क्या होना है?
? "दुर्जन की वह गरल है"- से क्या तात्पर्य है?
? पराये की संपत्ति छूने से क्या परिणाम होता है?
? विष का असर क्या होता है?
? छात्रों को पठित दोहों के तत्व दें। छात्र दोहा चुनकर लिखें।
a दुर्गुणों से पंडित भी मूर्ख बनता है।
a अतिथियों का सम्मान करना शिष्टाचार है।
aसज्जनों के लिए मिथ्या और दुर्जनों के लिए सत्य दोनों विष हैं।
मोड्यूल 3
ज् रामभक्ति धारा के सगुण-निर्गुण से परे और कई जनप्रिय कवि थे। वे भी नीति-संबंधी दोहे
लिखते थे। अकबर बादशाह के सेनानी और मंत्री बने एक प्रमुख कवि थे- अब्दुल रहीम
खानखाना। वे दरबार के नवरत्नों में एक थे।
यह दोहा पढ़ें:
वाचन प्रक्रिया:
? रहीम ने किस काम के लिए संपत्ति के संचय को उचित माना है?
? पेड़ और सरोवर की विशेषताएँ क्या-क्या हैं?
? दोनों किस उद्देश्य से अपनी संपत्ति का संचय करते हैं?
? रहीम की राय में सज्जन को क्या करना चाहिए?
ज् मनुष्य को स्वार्थता छोड़कर परहित के लिए काम करना चाहिए।
दूसरा दोहा पढ़ें।
? कवि ने बड़े के साथ छोटे के महत्व को क्यों रेखांकित किया है?
? सुई कैसी चीज़ है?
? वह किसके लिए काम आती है?
? युद्ध में सिपाही किससे वार करता है?
? क्या दर्जी को तलवार से और सिपाही को सुई से अपना काम चलेगा?
ज् संसार की हर वस्तु के अपने-अपने गुण और दोष होते हैं, चाहे वह छोटी हो या बड़ी। उसकी
उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।
यह संदेश दें: जीवन मूल्यों को बनाए रखना स्वस्थ सामाजिक विकास के लिए अनिवार्य है।
? आप गोल दायरे में कुछ शब्द दें। छात्र समानार्थवाले शब्द जोड़कर लिखें।
तरुवर तालाब
सरवर पेड़
सुजान पीता है
तरवारि दूसरों की भलाई
पियहि तलवार
अतिरिक्त कार्य: भक्त कवियों द्वारा दिए गए तत्वों की प्रसंगिकता पर बल देते हुए आधुनिक समाज की दुरवस्था पर छोटे-छोटे लेख तैयार करें।
आप चयन करके दें:
a बड़ों के महत्व के साथ छोटों के महत्व पर भी ध्यान देना चाहिए।
a लालच बुरी आदत है।
a अतिथियों तथा बुज़ुर्गों का सम्मान करना शिष्टाचार का बुनियादी तत्व है।

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