Powered by Blogger.

Wednesday 25 December 2013

भारतीय संस्कृति में गुरु शिष्य संबंध


ഭാരതസംസ്കാരത്തില്‍ ശിഷ്യന്‍ ഗുരുവിന് സ്വന്തം പുത്രനേക്കാള്‍ പ്രിയപ്പെട്ടവനും ഗുരു ശിഷ്യന് ദൈവതുല്യനുമായിരുന്നു.എന്നാല്‍ മാറിയ കാലഘട്ടത്തിന്‍ ഈ മഹത് പാരമ്പര്യം ഭാരതത്തില്‍ നിന്ന് അപ്രത്യക്ഷമാകുന്നുവോ?ആനന്ദ് ശങ്കര്‍ മാധവന്റെ ഈ ലേഖനം ഭാരതീയ ഗുരു-ശിഷ്യ പരമ്പരയുടെ സുവര്‍ണ്ണകാലത്തെ നമുക്ക് മുന്നില്‍ പുനരവതരിപ്പിക്കുന്നു
समस्या क्षेत्र: साँस्कृतिक अस्मिता और उसके स्वतंत्र विकास की अवधारणा का अभाव।
समस्या: उपभोक्तावाद मानवीय संबंधों में दरार डालता है।
समस्यापरक: भारतीय साँस्कृतिक अस्मिता का परिचय पाना।
भाषापरक: सांस्कृतिक अपचय पर लिखे हिंदी लेखों का परिचय पाना।
आशय: उपभोक्तावाद और अनुकरण से वशीभूत होकर भारतीय समाज अपने चिरंतन परंपरागत मूल्यों को खो बैठा है।
सहायक सामग्री: गुरुकुल प्रणाली से संबंधित चित्र या सी.डी. आदि।
पहला अंतर
प्रवेश प्रक्रिया: पुराने ज़माने की गुरुकुल शिक्षा से संबंधित चित्र या सी.डी. दिखाएँ।

? चित्र में आपने क्या देखा?
? यह कैसी शिक्षा-रीति है?
? यह शिक्षा किस ज़माने की थी?
  • वैदिक काल में गुरुकुल शिक्षा प्रणाली थी। गुरु और गुरुपत्नी को शिष्य अपने बच्चे के समान थे। शिक्षा-काल में शिष्य ब्रह्मचर्य का पालन करता था। ज़माना बदल गया, शिक्षा रीति बदल गई। गुरु वेतनभोगी और शिष्य शुल्कदायक के रूप में बदल गए हैं।
  • भारत के गुरु-शिष्य संबंध की पुरानी लोक परंपरा की गुणगाथा सुनने के लिए श्री आनंद शंकर माधवन का लेख "भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य संबंध" पढ़ें।
वाचन प्रक्रिया:
(जिसे भारतीय......सकता है।)
सहायक प्रश्न पूछें -
? भारतीय संस्कृति आज के ज़माने में क्रियाशील नहीं है। आज कैसी संस्कृति व्याप्त है?
? आज की और पुराने ज़माने की शिक्षा-रीति में क्या-क्या अंतर हैं?
? पुराने ज़माने का गुरु-शिष्य संबंध कैसा था?
? हमारे कुछ जननायकों और कलाओं को पहले विदेश में मान्यता मिली थी। क्यों?
? कभी-कभी हम अपनी साँस्कृतिक विभूतियों को पूर्ण रूप से पहचान नहीं पाते हैं।
? हमारी इस स्थिति का क्या कारण हो सकता है?
? मैक्स मूलर कौन थे? उनकी इच्छा क्या थी?
? गधे को गणित सिखाने से क्या तात्पर्य है?

निम्नलिखित टिप्पणी पढ़ें:
भारतीय प्राचीन संस्कृति आज के ज़माने में क्रियाशील नहीं है। आज अव्यवस्थित व्यावहारिक संस्कृति है। गुरु-शिष्य के सार्वजनिक व्यवहार में परिवर्तन आया है। वेतनभोगी गुरु और शुल्कदायक शिष्य हैं आज। आज की शिक्षा क्रय-विक्रय पद्धति है। शिक्षणालय मंदिर के समान थे। गुरु परमेश्वर के समान थे। शिष्य पुत्र से अधिक प्रिय थे। शिक्षा आध्यात्मिक अनुष्ठान थी। वह परमेश्वर प्राप्ति का एक माध्यम था। आज पेट पालने का ज़रिया है।
खंड पढ़कर शिक्षा-रीति में आए परिवर्तन पर दो मित्रों के बीच का वार्तालाप तैयार करें।
लेखन प्रक्रिया ।
छात्र वैयक्तिक रूप से लिखें।
चुनिंदे छात्रों की प्रस्तुति।
प्रस्तुति पर चर्चा ।

अध्यापक की अपनी प्रस्तुति ।
देवज: अरे अनिरुद्ध! तुम प्राचीन भारतीय संस्कृति के बारे में क्या जानते हो?
अनिरुद्ध: मैं थोड़ा-सा जानता हूँ। लेकिन आज के ज़माने में वह प्रायोगिक नहीं है।
देवज: उस ज़माने की शिक्षा-रीति कैसी थी?
अनिरुद्ध: गुरुकुल शीक्षा-रीति थी।
देवज: आज ऐसा क्यों नहीं?
अनिरुद्ध: आज गुरु-शिष्य के सार्वजनिक व्यवहार में परिवर्तन आया है।
देवज: आज की रीति कैसी है?
अनिरुद्ध: आज वेतनभोगी गुरु और शुल्कदाई शिष्य हैं।

अगला अंतर
  • भारतीय संस्कृति में आए परिवर्तन पर हमने चर्चा की। आगे पढ़ें:
(एक बार सुप्रसिद्ध......हिंदुस्तानी नहीं है।)
वाचन प्रक्रिया:
सहायक प्रश्न पूछें -
? गामा कौन थे ?
? उन्होंने मुंबई में आकर क्या किया?
? फारसी पत्रकार ने गामा से क्या पूछा?
? गामा ने पत्रकार को क्या जवाब दिया?
? "मैं समझता हूँ आप हिंदुस्तानी नहीं हैं।"- गामा ने ऐसा क्यों कहा?
? शिष्यों के प्रति भारतीय गुरु परंपरा का दृष्टिकोण क्या है?
लेखन प्रक्रिया:
"कुश्ती के लिए गामा का चैलंज" पर एक समाचार तैयार करें।
मुंबई: तारीख:..... प्रसिद्ध भारतीय पहलवान गामा.....

कुश्ती के लिए गामा का चैलंज



मुंबई: विश्व के सारे पहलवानों से लड़ने के लिए चैलेंज करनेवाला भारतीय पहलवान गामा से पिछले दिन फारसी पत्रकार ने पूछा- "आप अपने अमुक शिष्य से क्यों नहीं लड़ते?" गामा ने कहा- "मैं हिंदुस्तानी हूँ हमारा अपना एक निजी रहन-सहन है। मेरा शिष्य मेरे पसीने की कमाई है, मेरा खून है। मेरे बेटे से भी अधिक प्यारा है। इसमें और मुझमें फर्क नहीं है। आप हिंदुस्तानी नहीं है। इसलिए आपने ऐसा प्रश्न पूछा। गामा का जवाब बहुत विचित्र निकला।"

अगला अंतर
  • भारतीय पहलवान ने मुंबई में आकर क्या किया? फारसी पत्रकार के प्रश्न पर गामा ने क्या जवाब दिया?
(भारत में.....का कारण है।)
वाचन प्रक्रिया:
? भगवान रामकृष्ण ने क्या प्रार्थना की?
? इसके द्वारा लेखक क्या व्यक्त करना चाहते हैं?
? गुरु-शिष्य के संबंध में भगवान ईसा का कथन क्या था?
? गाँधीजी और विवेकानन्द के नाम पर लेखक क्या व्यक्त करना चाहते हैं?
? उत्तम गुरु के लक्षण क्या-क्या हैं?
? "सेवा देने की चीज़ है, लेने की नहीं"- से क्या मतलब है?

  • पाठभाग के आधार पर "आज के और पुराने गुरु-शिष्य संबंध" पर एक टिप्पणी लिखें।
क्रियाविशेषण का परिचय पाना (पाठ्यपुस्तक पृ. 97)
  • रेखांकित अंशों पर ध्यान दें। उनकी विशेषता पहचानें। इस तरह के पद पाठभाग से चुनकर लिखें।
उस दिन रमेश दफ्तर से देर सेनिकला। बारिश हो रही थी। वह पूरी तरह भीग गया। जल्दी-जल्दीघर पहुँचा। पत्नी ने मुस्कुराते हुए दरवाज़ा खोला। पति को भीगा हुआ देखकर तौलिया लेकर तुरंत आई। फिर बड़े प्यार से पूछा, ""चाय बनाऊँ?""
  • लोकोक्तियों का अर्थ जोड़कर लिखना
आँधी पिसे कुत्ते खाएँ - दोनों ओर मुसीबत
आगे कुआँ पीछे खाई - एकदम अनपढ़
काला अक्षर भैंस बराबर - जिसके आश्रय में रहता उससे शत्रुता
जल में रहे मगर से बैर - किसी की नकल करने से व्यक्ति बदल नहीं जाता
कौआ चले हंस की चाल - मुर्खों की कमाई व्यर्थ चली जाती है
- थोड़ा सामर्थ्यवाला व्यक्ति अधिक प्रदर्शन करता है

  • उचित क्रियाविशेषण जोड़कर खंड का पुनर्लेखन करें। (टी.बी. पृ. 98)

हमने क्या किया?
गुरुकुल शिक्षा प्रणाली से संबंधित सी.डी. या चित्र दिखाया।
रवीन्द्रनाथ ठाकुर, विवेकानन्द, मैक्स मूलर का परिचय दिया।
आज के और पुराने गुरु-शिष्य संबंध का परिचय दिया।
भारतीय पहलवान गामा और फारसी पत्रकार के बीच का वार्तालाप लिखवाया।
शिष्यों के प्रति भारतीय गुरु परंपरा का दृष्टिकोण समझाया।
"सेवा देने की चीज़ है लेने की नहीं"- का आशय समझाया।
क्रियाविशेषण का परिचय दिया।
उचित क्रियाविशेषण जोड़कर खंड का पुनर्लेखन करवाया।
वैदिक काल की शिक्षा-रीति पर मित्रों के बीच का वार्तालाप कराया।
कुश्ती के लिए गामा का चैलेंज- समाचार तैयार कराया।
फारसी पत्रकार के प्रश्न पर गामा का जवाब- रपट तैयार कराया।
मोड्यूल 3
यह उद्घोषणा पढ़ें:
नौजवानो, ध्यान दीजिए,
पुलिस अधीक्षक की चेतावनी है- देश के कुछ समाचार पत्रों में विज्ञापन द्वारा अधियोजक बनकर धोखेवाजी चल रही है। बेरोज़गार लोग इसपर सजग रहें।
? आम जनता को सावधान करने की चेतना देते हुए कुछ विज्ञापन भी आ रहे हैं। ऐसा एक विज्ञापन उपयुक्त उद्घोषणा के आधार पर लिखें।
? लेखन प्रक्रिया:
कक्षा प्रक्रिया से संबंधित जाँच सूची
आई.सी.टी. का प्रयोग किया
विश्लेषणात्मक प्रश्नों द्वारा आशय समझाया
पदसूर्य के सहारे चर्चा की
डायरी लिखवाया
आस्वादन टिप्पणी तैयार करने का सहारा दिया
विज्ञापन से परिचय कराया
विशेषण का परिचय दिया

मोड्यूल 6
भाषापरक कार्य
यह चार्ट पर दें..
"यह ऊँची दीवार है"
क ऊँची और दीवार से क्या संबंध है?
क दीवार की विशेषता क्या है?
? लेखन प्रक्रिया:
पन्ना 93 (पाठभाग का) विश्लेषण करें।
अतिरिक्त कार्य:
स्रोतपुस्तक के पन्ना 106 का चार्ट तैयार करके दें।
कोष्ठक में कुछ विशेषण शब्द देते हुए रिक्त स्थान भरने का एक खंड दें।

No comments:

Post a Comment

© hindiblogg-a community for hindi teachers
  

TopBottom