ആധുനിക സമൂഹം ഉപയോഗിക്കുക – വലിച്ചെറിയുക എന്ന സംസ്കാരത്തില് വിശ്വസിക്കാന് തുടങ്ങുമ്പോള് തകരുന്നത് പഴമയുടെ മൂല്യങ്ങള് കൂടിയാണ്.ചതിയിലൂടെ ഉപഭോക്താവിന്റെ പണം ചോര്ത്തുകയും എന്നിട്ടതിനെ ന്യായീകരിക്കുകയും ചെയ്യുന്ന കച്ചവട തന്ത്രങ്ങളെക്കുറിച്ച് മുന്നറിയിപ്പ് നല്കുന്ന मुफ्त में ठगी എന്ന കവിത भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य संबन्ध എന്ന ലേഖനം എന്ന പ്രാചീന കവിതാ സംഗ്രഹം, റിട്ടയര്മെന്റിന് ശേഷം കുടുംബത്തില് ഒറ്റപ്പെട്ടു പോകുന്ന ഗൃഹനാഥന്റെ കഥ പറയുന്ന वापसी എന്ന കഥ,पोस्टर എന്നിവയോടൊപ്പം അധിക വായനയ്ക്കായി अधेर नगरी എന്ന പ്രഹസനവും ഈ യൂണിറ്റിലുണ്ട്. |
भूमिका:
यह विज्ञापन का युग है। उसकी चमक-दमक के कारण हम इसके मोह-जाल में फँसकर उसके गुलाम बन गए। इसी कारण से मानव असली और नकली चीज़ों को पहचानने में असमर्थ है। गुणवत्ता पर हमारी निगाह नहीं पड़ती। विज्ञापन को जीवन का पथ-प्रदर्शक मानकर पीछे भागनेवाले मानव निरंतर मूल्यों से वंचित होते जा रहे हैं। इस इकाई में इस आशय को प्रमुखता दी गई है। "मुफ्त में ठगी" कविता से इसकी शुरूआत होती है। उसके बाद कबीर, तुलसी और रहीम के "दोहे", "भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य संबंध" नामक लेख, "वापसी" कहानी आदि इकाई की शोभा बढ़ाते हैं। पोस्टर, पारिभाषिक शब्द और भारतेन्दु कृत "अंधेर नगरी" का अनुकूलित रूप आदि का चयन भी इसमें किया है।
गुणवत्ता को छोड़कर मुफ्त में मिलनेवाली चीज़ों में संतुष्ट होनेनाले विचित्र समाज का चित्र "मुफ्त में ठगी" कविता में मिलता है। "भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य संबंध" लेख बदलते परिवेश में साँस्कृतिक मूल्यच्युति को स्पष्ट करता है। प्राचीन भक्त कवियों के दोहों में नकली संस्कृति को छोड़कर असली संस्कृति को अपनाने की आवश्यकता पर संकेत है। "भोगो और फेंको" की आधुनिक संस्कृतिवाली परिवार व्यवस्था पर डालती दरार के स्पष्ट चित्र का आंकलन है "वापसी" कहानी।
- विज्ञापन के दुष्परिणामों का परिचय
- बाज़ारी सभ्यता से उत्पन्न सामाजिक अशांति का परिचय
- भारतीय साँस्कृतिक अस्मिता का परिचय
- समाज में मानवीयता की आवश्यकता का बोध
- बाज़ार के झूठे छद्मों के प्रति चेतावनी देनेवाली कविताओं का परिचय
- साँस्कृतिक अपचय पर लिखे हिंदी लेख का परिचय
- पारिवारिक संबंधों की शिथिलता बतानेवाली हिंदी कहानी का परिचय
- समाज की कुरीतियों पर कठोर प्रहार करनेवाली कविता एवं दोहों का परिचय
- प्रहसन की भाषा-शैली और विशेषता का परिचय
ये क्षमताएँ पाएँ :-
- विज्ञापन तैयार करने की
- डायरी लिखने की
- आस्वादन टिप्पणी लिखने की
- जीवनी तैयार करने
- लेख लिखने की
- क्रिया के भविष्यतकाल के प्रयोग करने की
- हिंदी के पारिभाषिक शब्दों के संकलन करने की
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