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Thursday, 4 February 2016

Kannur Jila Panchayath - Mukulam Model Exam - Hindi Question cum Answer Paper


Kannur Jila Panchayath
Mukulam SSLC Model Examination 2016
Third Language - Hindi
Total Score: 40 Time: 1½ Hours

सामान्य निर्देशः
  • सभी प्रश्नों के निर्देश ध्यान से पढ़ें।
  • पंद्रह मिनट का कूल ऑफ टाइम दिया जाएगा। यह प्रश्न-पत्र का वाचन करने तथा उत्तर
    लिखने की पूर्व तैयारी के लिए है।
  • 5 से 7तक और 8 से 11 तक के प्रश्नों में विकल्प हैं।
1. तालिका की पूर्ति करें।                                                                         2
पाठ
प्रोक्ति
रचयिता
मुफ्त में ठगी
कविता
रामकुमार आत्रेय
आदमी का बच्चा
कहानी
यशपाल
सकुबाई
एकपात्रीय नाटक
नादिरा ज़हीर बब्बर
गौरा
रेखाचित्र
महादेवी वर्मा

2. निम्नलिखित घटनाओं को क्रमबद्ध करके पुनर्लेखन करें।                          2
  • डोर बेल बजी
  • डिटेर्जेन्टवाली लड़की ने दरवाज़ा खोलने की प्रार्थना की।
  • सकुबाई ने दरवाज़ा नहीं खोला।
  • डिटेर्जेन्टवाली लड़की चली गई।
3. अंग्रेज़ी शब्दों के बदले उनके समानार्थी हिंदी शब्द रखकर पुनर्लेखन करें।    3
रमेश ने तिरुवनंतपुरम जाने के लिए शयनयान श्रेणी में आरक्षण किया। कार्यक्रम स्थगित करने के
कारण उसने टिकट रद्दीकरण के लिए दिया।
4. नीचे दिए चरित्रगत विशेषताओं से डौली की विशेषताएँ चुनकर लिखें।           2
  • पशु-पक्षियों से प्रेमपूर्ण व्यवहार करनेवाली।
  • गरीबों से नफ़रत करनेवाली।
  • ऊँच-नीच का भेदभाव न रखनेवाली।
सूचना: 5 से 7 तक के प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर लिखें।                        (2x2=4)
5. नदी हाथियों की जलक्रीड़ा सानंद सहती है? क्यों?
नदी और प्रकृति पर विनाशकारी कार्य करनेवाले केवल मनुष्य है। कोई भी पशु-पक्षी नदी को प्रदूषित नहीं करता। इसलिए नदी हाथियों की जलक्रीड़ा सानंद सहती है।
6. बलिष्ठ व्यक्ति बाबूलाल तेली पर हमला करके चला गया। यदि आप वहाँ होते तो क्या करते?
यदि मैं वहाँ होता तो बड़ी सावधानी से बलिष्ठ व्यक्ति के विरुद्ध सामाजिक प्रतिक्रिया जगाने का प्रयोस करता। यह कार्य थोड़ा खतरनाक होता तो ज़रूर है।
7. 'आप के लिए न धर्म है न मज़हब। न स्त्री है न पुरुष। न रात है न दिन। न परिवार है न बच्चे।' डॉ. कुमार ने
ऐसा क्यों कहा?
एक डॉक्टर को किसी भी भेद-भाव के बिना मरीज़ों की सेवा करनी चाहिए। उनके सामने परिवार, जाति, देश, धर्म आदि कोई भी भेद-भाव नहीं नहीं होना चाहिए। डॉक्टर का काम अत्यंत पुनीत काम होता है।
सूचना: 8 से 11 तक के प्रश्नों में से किन्हीं तीन के उत्तर लिखें।           (3x4=12)
8. गामा और फ़ारसी पत्रकार के बीच का वार्तालाप कल्पना करके लिखें।    4
फारसी पत्रकार: नमस्ते गामाजी। मैं आपसे कुछ बातें जानना चाहता हूँ।
गामा: नमस्ते। पूछिए, आप क्या-क्या जानना चाहते हैं?
फा.पत्र: मैंने अखबारों में आपके चैलेंज के बारे में पढ़ा है।
गामा: जी हाँ। मैंने दुनिया के सभी पहलवानों को कुश्ती में चैलेंज दिया है।
फा.पत्र: गामाजी, मैंने सुना है कि आपके कई शिष्य हैं जो बहुत मशहूर हैं।
गामा: सही बात है। मेरे कई शिष्य विश्व-भर में मशहूर हैं।
फा.पत्र: मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि आप अपने किसी शिष्य से कुश्ती में लड़ने को तैयार क्यों नहीं होते?
गामा: मेरे शिष्य और मुझमें कोई अंतर नहीं है। शिष्य मेरे लिए बेटे से भी प्यारे हैं। अत: मैं ऐसा सोच भी नहीं
सकता।
फा.पत्र: क्यों?
गामा: क्योंकि बह मेरा खून है। मेरी मेहनत का फल है। मुझे लगता है कि आप एक भारतीय नहीं।
फा.पत्र: जी हाँ। मैं एक फारसी पत्रकार हूँ। आपने ऐसा क्यों पूछा?
गामा: क्योंकि एक भारतीय ऐसा सोच भी नहीं सकता।
फा.पत्र: ठीक है। मैं जाता हूँ। धन्यवाद।
गामा: ठीक है।
9. संकेतों की सहायता से सकुबाई का आत्मकथांश तैयार करें।
(संकेतः जन्म, माता-पिता, पारिवारिक स्थिति, मेहनती, अनपढ़ और अधेड़ महिला, बचपन से काम
करनेवाली, बंबई के एक फ्लैट में नौकरानी)                                       4
मैं शकुन्तला एक मराठी औरत हूँ। मुझे लोग सकुबाई पुकारते हैं। मेरे पिता का नाम तुकाराम जामडे
और माता का नाम लक्ष्मी हैं। मेरे एक बहन-वासंती और एक भाई-नितिन हैं। मैं पूजा कपूर मेमसाब के घर में नौकरानी हूँ। मेरे पिता के हाथ टेढ़े हैं, लेकिन दिन-रात मेहनत करते हैं। मेरे एक बेटी है साइली। मैं अपने परिवार के साथ गाँव में रहती थी। जब मेरी दादी की मृत्यु हुई तब मेरे नानी और मामा के निर्देश के अनुसार मैं माँ और नितिन के साथ मुंबई पहुँची। मेरी बहन वासंती और बाबा गाँव में ही रहते हैं, क्योंकि गाँव में हमारे खेत हैं। मैं स्कूल जाना बहुत चाहती थी, लेकिन आर्थिक कठिनाई से मेरी माता ने मुझे स्कूल जाने नहीं दिया। वासंती को भी स्कूल नहीं भेजा। लेकिन लड़का होने के कारण माँ ने नितिन को पढ़ाया था।
10. परिवारवालों के व्यवहार से दुखी गजाधर बाबू कल चीनी मिल में नौकरी करने जा रहे हैं। उनकी आज की
डायरी तैयार करें।                                                                                  4
    स्थान:..................
    तारीख:.................
हे भगवान! नौकरी से रिटायर होकर घर आते समय क्या-क्या विचार थे। पत्नी और बच्चों के साथ शेष जिंदगी खुशी से बिताने का सपना देख रहा था। लेकिन... ये लोग ऐसे क्यों हुए? मुझे अपने घर में पराया जैसा अनुभव हुआ है। मेरी चारपाई के लिए भी घर में स्थान नहीं। सब आलसी हुए हैं। कोई भी मेहनत करने के लिए तैयार नहीं। अनावश्यक खर्च कितना बढ़ गया है। यह असहनीय है। मैं कल से... घर से दूर... चीनी मिल में नौकरी के लिए जा रहा हूँ। क्या करूँ? और कोई चारा नहीं मेरे पास। सेवक गणेशी से मिला प्यार भी यहाँ बीबी-बच्चों से नहीं मिलता!
11. 'स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है' विषय पर कण्णूर ज़िला पंचायत की ओर से एक संगोष्ठी
चलनेवाली है। उसकी सूचना देते हुए एक पोस्टर तैयार करें।
ज़िला पंचायत, कण्णूर
आयोजित करती है
हिंदी संगोष्ठी
विषयः स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है
10-02-2016 बुधवार 10 बजे
स्थानः ज़िला पंचायत सम्मेलन हॉल
उद्घाटनः श्री. वी.एस. शिवकुमार, स्वास्थ्य मंत्री, केरल
केरल के मशहूर स्वास्थ्यकर्मी अपने आलेख प्रस्तुत करते हैं
सबका स्वागत है
अध्यक्ष, ज़िला पंचायत
सूचना: कवितांश पढ़ें और 12से 14 तक के प्रश्नों के उत्तर लिखें।
           जन्म-भूमि से बढ़कर सुंदर,
          कौन देश है इस धरती पर?
           इसमें जीना भी प्यारा है,
           इसमें मरना भी प्यारा है।
               चाहे आँधी शोर मचाए,
               चाहे बिजली आँख दिखाए,
               हम न झुकेंगे, हम न रुकेंगे,
               यही हमारा नारा है।
        भारत-भू ने जन्म दिया है,
         यब सौभाग्य हमारा है। (आरती प्रसाद सिंह)
(आँधी: കൊടുങ്കാറ്റ്, झुकना: തല കുനിക്കുക)
12. हमारा नारा क्या है? (हम कभी लड़ाई नहीं करेंगे, हम कभी झुककर चलेंगे, हम कभी भी
मुसीबतों के सामने न रुकेंगे और न झुकेंगे)
हम कभी भी मुसीबतों के सामने न रुकेंगे और न झुकेंगे। 1
13. कवितांश के लिए उचित शीर्षक दें।                                                   1
      ' जन्मभूमि '
14. कवितांश का आशय लिखें।                                                             3
प्रस्तुत कवितांश हिंदी के मशहूर कवि श्री आरती प्रसाद सिंह का लिखा हुआ है। इसमें कवि अपनी प्यारी मातृभूमि का गुणगान करते हैं।
कवि कहते हैं कि हमारी प्यारी मातृभूमि भारत से बढ़कर कोई भी सुंदर देश इस धरती में नहीं है। इस देश पर जीना और मरना बहुत प्यारा होता है। आँधी-तूफान हो या बीजली-मेघगर्जन, हम न झुकेंगे हम न रुकेंगे। हम निडर होकर आगे बढ़ते जाएँगे। यही हमारा नारा है। इस पुण्य भूमि में जन्म पाना भी बड़ा सौभाग्य होता है।
देशप्रेम बड़ा अच्छा गुण माना जाता है। अपने देश का गुणगान करनेवाला यह कवितांश अच्छा और प्रासंगिक है।
निम्नलिखित अंश का संशोधन करें।
15. राजू : सुमा, तुम कहाँ जा रहे हो? रुखो मैं भी तुम्हारी साथ आती हूँ।   2
राजू : सुमा, तुम कहाँ जा रही हो? रुको मैं भी तुम्हारे साथ आता हूँ।
सूचना: कोष्ठक से उचित विशेषण शब्द चुनकर खाली जगहों की पूर्ति करें।
16. आभा एक …........ लड़की है। उसने एक …........ सपना देखा। सपने में एक …........... हाथी को देखा।
हाथी के पास ….......... छतरी थी। (अनोखा, छोटी, रंग-बिरंगी, बड़े)    2
आभा एक छोटी लड़की है। उसने एक अनोखा सपना देखा। सपने में एक बड़े हाथी को देखा। हाथी के
पास रंग-बिरंगी छतरी थी।
सूचना: उचित योजक की सहायता से वाक्यों को मिलाकर लिखें।
17. चेन्नई में कई लोगों की मृत्यु हुई। वहाँ बड़ी बाढ़ थी। (इसलिए, क्योंकि, लेकिन) 1
चेन्नई में कई लोगों की मृत्यु हुई क्योंकि वहाँ बड़ी बाढ़ थी।
सूचना: निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर 18 से 21 तक के प्रश्नों के उत्तर लिखें।
भारत के महान इंजिनीयर डॉ. विश्वेश्वरैया का जन्म मैसूर के मुंदेनाहल्ली गाँव के एक गरीब परिवार में 15 सितंबर, 1861 को हुआ था। जब वे चौदह वर्ष के थे तभी उनके पिताजी का देहांत हुआ। उनका बचपन अभावों तथा कष्टों में बीता। किंतु उन्होंने साहस को नहीं छोड़ा। कठिन परिश्रम के फलस्वरूप वे ऊँचे पद पर पहुँचे।
18. डॉ. विश्वेश्वरैया का जन्म कहाँ हुआ?                                    1
डॉ. विश्वेश्वरैया का जन्म मैसूर के मुंदेनहल्ली गाँव में हुआ।
19. 'गरीब परिवार' में 'गरीब' शब्द …...... है। (संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण)      1
'गरीब परिवार' में 'गरीब' शब्द विशेषण है।
20. 'उनका' में प्रयुक्त सर्वनाम ….. है। (वे, यह, ये)                                  1
'उनका' में प्रयुक्त सर्वनाम वे है।
21. डॉ. विश्वेश्वरैया का बचपन कैसा था?                                             2
डॉ. विश्लेश्वरैया का बचपन अभावों तथा कष्टों में बीता। किंतु उन्होंने साहस को नहीं छोड़ा। कठिन परिश्रम के फलस्वरूप वे ऊँचे पद पर पहुँचे।


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