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Wednesday, 16 December 2015

8,9 उत्तर सूचिका

     എത്ര സഹായ സാമഗ്രികള്‍ കിട്ടിയാലും അതിന്റെ പൂര്‍ണ്ണതയ്ക്കായി രവിമാഷിന്റെ ഒരു സ്പര്‍ശം അനിവാര്യമാകുന്നതായി തോന്നുമ്പോഴൊക്കെ മൗനത്തിന്റെ വാത്മീകത്തില്‍ നിന്നും മാഷ് പുറത്തേക്ക് വരാറുണ്ട്. ഇവിടെയും അതു തന്നെ സംഭവിക്കുന്നു. അദ്ദേഹത്തിന്റെ തനതു ശൈലിയിലുള്ള ഉത്തര സൂചനകള്‍ താഴെ നിന്ന് ഡൗണ്‍ലോഡ് ചെയ്യാം. പ്രതികരിക്കാന്‍ മറക്കില്ലല്ലോ..?

IX , VIII  Hin Qn Ans

IX

1. पाठ-प्रोक्ति-रचयिताः तालिका की पूर्ति                                   2
पाठ
प्रोक्ति
रचयिता
मेरा सबकुछ अप्रिय है उनकी नज़र में
कविता
निर्मला पुतुल
सिपाही की माँ
एकांकी
मोहन राकेश
मेमना
कहानी
लोकबाबू
ऐसा था मेरा बचपन
आत्मकथा
ओमप्रकाश वाल्मीकि


2. कोष्ठक से घटनाएँ चुनकर लिखना                                       2
  • मुन्नी डाकवाली गाड़ी की आवाज़ सुनकर बाहर चली जाती है।
  • मुन्नी निराश होकर लौटती है।
  • बिशनी चिट्ठी के बारे में पूछती है।
  • केवल चौधरी का पिंसन का मनिआर्डर आया है।
3. मेमना कहानी के किसान की चरित्रगत विशेषताएँ                        2
  • अच्छे बीजों की तलाश करनेवाला।
  • आलसी स्वभाववाला।
  • अन्याय के प्रति आवाज़ उठानेवाला।
    4-7 सही उत्तर कोष्ठक से चुनकर लिखना
4. मज़ाक उड़ाना का अर्थ है- परिहास करना                         1
5. शीशम के पेड़ की टहनियाँ तोड़कर झाड़ू बणा ले। यह हेडमास्टर ने कहा। 1
6. बिशनी मानक की चिट्ठी की प्रतीक्षा में थी।                           1
7. 'मैं किसी को अपना शत्रु नहीं मानता'- गाँधीजी                    1
    8से 10 तक के प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर लिखें।
8. स्कूल एक धर्मनिरपेक्ष संस्था है। वहाँ पढ़ने के लिए आए छात्र से खानदानी काम बताकर झाड़ू लगवाना घोर अन्याय है। हेडमास्टर का काम बिल्कुल दंडनीय है। मैं हेडमास्टर के इस कार्य से सहमत नहीं हूँ।   2
9. परमाणु बम के विस्फोट की अत्यधिक गर्मी में मानव जलकर भाप हो गए थे। केवल उनकी छायाएँ मात्र बाकी रह गई थीं। यहाँ कवि अज्ञेय ने अणुबम विस्फोट की भीषणता की ओर पाठकों का ध्यान आकर्षित किया है।  2
10. खेती नहीं करनेवाला किसान पहले सबेरे ही बैलों को निकालता था। अब उसके स्थान पर बड़े सबेरे साइकिल निकालकर काम करने के लिए शहर की ओर जाता है। खेती एक संस्कृति है। यहाँ किसान उस संस्कृति को ही छोड़ने विवश हो रहा है। यह एक नकारात्मक परिवर्तन है।                           2
11. संशोधन                                                                    2
     डिब्बे में शेष यात्रियों का ध्यान इनकी ओर ही था। उनकी सहानुभूति किसान की ओर थी
12. रेखांकित अंश को बहुवचन में बदलकर पुनर्लेखन।                      1
      लड़कियाँ स्कूल जाती हैं।
13. योजक का प्रयोग करके लिखना-                                        1
     सूरज निकला और प्रकाश फैल गया। प्रकाश फैल गया क्योंकि सूरज निकला।
    14-16 कविता के आधार पर उत्तर
14. पंछी वन में मिलजुलकर रहते हैं।                                       1
15. 'पंछी'                                                                       1
16. कविता का आशय                                                         3
       इस कवितांश में कवि पक्षियों की एकता एवं स्वच्छंदता का वर्णन करते हैं।
     कवि कहते हैं कि वन में कितने प्रकार के पक्षी हैं! खंजन, कपोत, चातक, कोकिल, काक, हंस, शुक आदि विभिन्न प्रकार के पक्षी आपस में हिलमिलकर रहते हैं। वे मिलजुलकर खाते हैं और आसमान में स्वच्छंद विचरण करते हैं। उन्हें जहाँ भी चाहे जाने की आज़ादी भी है।
     मानव आपस में जाति, धर्म, वर्ण आदि के नाम पर झगड़ा करते या लड़ते समय जंगल में विभिन्न प्रकार के पक्षी बड़ी एकता से रहते हैं। एकता या बल पर महत्व देनेवाला यह कवितांश बिलकुल अच्छा और प्रासंगिक है।
     17-21 गद्यांश के आधार पर उत्तर
17. सागर और नदियों से जल बाष्पीकरण द्वारा बादलों का रूप धारण करता है। 1
18. पृथ्वी शब्द संज्ञा है।                                                         1
19. वर्षा के बाद कुछ जल तालाबों, पोखरों, झीलों आदि में रुक जाता है। लेकिन इसका बड़ा भाग नदी-नालों से होता हुआ पुन: सागर में पहुँच जाता है।        2
20. गद्यांश से दो क्रिया शब्दः धारण करता है, गिरता है।                1
अन्य क्रिया शब्दः रुक जाता है, मिल जाता है, भरा हुआ है।
21. इसका में प्रयुक सर्वनाम यह है।                                            1
22. ऐसा था मेरा बचपन नाटक का मंचीकरण – पोस्टर                      4
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सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल, कडन्नप्पल्लि
निराला हिंदी मंच की ओर से
ऐसा था मेरा बचपन
('जूठन' आत्मकथा का नाटकाविष्कार)
का मंचीकरण होता है
5 जनवरी 2016, मंगलवार प्रातः दस बजे
मूल रचनाकारः ओमप्रकाश वाल्मीकि
निर्देशनः अभिजित. पी.वी.
स्थानः स्कूल ऑडिटोरियम में
सबका स्वागत है
सचिव                             प्रधानाध्यापिका
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     23-25 किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लिखें।
23. इस मंगलवार को भी भैया की चिट्ठी नहीं आई। मुन्नी की डायरी-         4
तारीखः...........................
        आज भी भैया की चिट्ठी नहीं आई। घर का वातावरण हमेशा शोकमय रहने लगा है। माँ की आँखें सदा भरी रहती हैं। भैया को यह क्या हुआ? पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था। माँ को साँत्वना देना भी मुश्किल हो रहा है। मैं अगले मंगलवार को भैया की चिट्ठी आएगी कहके माँ को शांत करती हूँ। लेकिन चिट्ठी न आने पर माँ के सम्मुख जाना भी मुश्किल होता है। हे भगवान! मेरे भैया को सुरक्षित रखे। अगले मंगल को भैया की चिट्ठी ज़रूर आए या भैया खुद आए। ऐसी हालत में दिन बिताना भी मुश्किल होता है।
24. गाँधीजी और अहिंसा - लघु लेख                                         4
गाँधीजी और अहिंसा
          गाँधीजी अहिंसा के पुजारी माने जाते हैं। वे अपनी जिंदगी भर अहिंसा के लिए जीवित रहे थे।
         गाँधीजी किसी को अपना शत्रु नहीं मानते थे। जिंदगी भर उनका काम था- जाति, रंग या धर्म का भेद किए बिना मानव जाति को मित्र बनाकर सारी मानव जाति की मैत्री प्राप्त करना। ब्रिटिश शासन का विरोध करते समय भी वे ब्रिटिष जनता का विरोध नहीं करते थे। वे उन्हें युद्धक्षेत्र में पराजित करना नहीं चाहते थे। बल्कि उनका हृदयपरिवर्तन करना चाहते थे। उनका विद्रोह निशस्त्र विद्रोह था। वे विश्वास करते थे कि अहिंसा की शक्ति संसार भर की सभी प्रबलतम हिंसात्मक शक्तियों के गठजोड़ का मुकाबला कर सकती है। उनका विश्वास था कि अहिंसात्मक तरीके में पराजय नहीं, वह बिना मारे या चोट पहुँचाए 'करने या मरने' का तरीका है। उनके कान करोड़ों रूरोपवासियों की मूक पुकार सुनने में अभ्यस्त थे। वे अपने अहिंसात्मक तरीके से विश्व में शांति स्थापित करने के इच्छुक थे।
25. स्कूल में हुए अनुभवों के आधार पर मित्र के नाम ओमप्रकाश का पत्र       4
                                                                          स्थानः .................,
                                                                          तारीखः …..........
प्रिय रामकुमार,
          तुम कैसे हो? तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है? मैं यहाँ ठीक हूँ।
         मैं इस पत्र के द्वारा अपने स्कूल के बुरे अनुभव के बारे में जानकारी देना चाहता हूँ। मेरे स्कूल में जो हेडमास्टर है, श्री कालीराम, उन्होंने मुझसे बहुत बुरा व्यवहार किया। उन्होंने मुझे जाति के नाम से पुकार रहे थे और खानदानी काम बताके झाड़ू लगाने के काम पर लगा दिया। मुझे स्कूल के कमरे, बरामदे और मैदान साफ़ करने पड़े। पहले दिन शाम तक, दूसरे दिन भी वैसे ही। तीसरे दिन मैंने सोचा कि आज कक्षा में पढ़ने देंगे। लेकिन तीसरे दिन भी उसी काम करना पड़ा। अंत में पिताजी ने मुझे झाड़ू लगाते देख लिया। वे मेरे पास आए, हेडमास्टर से बहस करके मुझे घर ले आए। राम, मैं अपनी पढ़ाई के बारे में बहुत चिंतित हूँ।
       तुम्हारे माँ-बाप को मेरा प्रणाम। छोटे भाई को प्यार।
                                                                                तुम्हारा मित्र,
                                                                                 (हस्ताक्षर),
                                                                          ओमप्रकाश वाल्मीकि।
सेवा में
       के. रामकुमार,
       …..................
       …...................
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VIII Answers

VIII STD Answers
1. तालिका की पूर्ति                                                2
पाठ
प्रोक्ति
रचयिता
बात उस मंगलवार की
डायरी
रमणी अटकुरी
मेरे बच्चे को सिखाएँ
पत्र
अब्रहाम लिंकन
सुख-दुख
कविता
सुमित्रामंदन पंत
2. घटनाओं को क्रमबद्ध करना।                                             2
  • अरुण गाँधी अपने पिताजी के साथ शहर की ओर निकला।
  • पिताजी को मीटिंग की जगह छोड़ा
  • जॉन बेन की एक दिलचस्प फिल्म देखते-देखते समय बीत गया।
  • शाम को छह बजे पिताजी के पास पहुँचा
3. डॉ. रमणी अटकुरी की चरित्रगत विशेषताएँ                         2
  • गरीबों को प्यार करनेवाली
  • नौकरी के प्रति समर्पण भाव रखनेवाली।
  • अपने आप को महान समझनेवाली।
    सूचनाः 4 से 6 तक के प्रश्नों के उत्तर कोष्ठक से चुनकर लिखें।
4. बीमारी का कारण गरीबी है।                                                 1
5. यह अब्रहाम लिंकन का विचार है।                                         1
6. ज्ञान का उपयोग भलाई के लिए होना चाहिए।                              1
   सूचनाः 7 से 10 तक के प्रश्नों में से किन्हीं तीन के उत्तर लिखें। (3x2-6)
7. जिस प्रकार दिन के बाद रात और रात के बाद दिन होता है उसी प्रकार जिंदगी में सुख के बाद दुख और दुख के बाद सुख का क्रम होता है। इसलिए कवि कहते हैं कि दुख के बाद सुख होते समय वह ज्यादा आनंददायक होता है। याने अविरत सुख उत्पीड़न है। मैं भी इससे सहमत हूँ।
8. पैसा कमाने के संबंध में अब्रहाम लिंकन का मत है- मेहनत से कमाई एक कौड़ी भी हराम से मिली नोटों की गड्डी से कहीं अधिक मूल्यवान होती है। याने गलत रास्ते से कभी भी पैसे नहीं कमाना चाहिए।
9. अरुण गाँधी अपने परिवार के साथ डरबन से 18 मील दूर एक आश्रम में रहते थे। उनके मित्र और रिश्तेदार भी शहर में या दूर रहनेवाले थे। इसलिए वे हमेशा शहर जाने के इंतज़ार में रहते थे। शहर जाने पर सिनेमा भी देख सकते थे।
10. गरीब मज़दूरों के घरों/झोंपड़ियों में ज़रूरी सुविधाएँ नहीं होतीं। अमीर लोगों के घरों के समान अच्छे दरवाज़े-खिड़की तक नहीं होने से उनके घर सीलन और नमी से कभी भी मुक्त नहीं होते।
    आशय से संबंध रखनेवाली पंक्ति चुनें
11. बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर।
12. अर्थ चुनकर तालिका भरें।                         3
हार
पराजय
दुनिया
संसार
इंसान
मनुष्य
मेहनत
परिश्रम
आसमान
गगन
शर्म
लज्जा
सबक
सीख
13. रामु अच्छा लड़का है। उसके घर में एक छोटा कुत्ता है। उसका नाम नीलू है। वह ज़ोर से भौंकने पर सब लोग
डर जाते थे                  2
14. हम बत्तीस हैं। यहाँ हम दाँत हैं।                                        1
15. 'जीभ और दाँत'                                                        1
16. कविता का आशय                                                3
        हिंदी के मशहूर कवि अरुण कमल ने इस कवितांश में दाँतों और जीभ के बीच के एक बहस का वर्णन रोचक ढंग से किया है।
      दाँत जीभ से कहते हैं- हे जीभ! तू संभलकर रह, हम बत्तीस हैं और तू अकेली। ज़्यादा बोलेगी या आवाज़ उठाएगी तो हम चबा देंगे तुझे। लेकिन जीभ ने कहा कि आप बत्तीस हैं और मैं अकेली हूँ। आप सब एक-एक करके झड़ जाएँगे लेकिन मैं, जब तक यह शरीर जीवित रहेगा तब तक इसी में रहूँगी। इसलिए मुझे डराना छोड़ दें।
      इस कविताँश के द्वारा कवि अरुण कमल यह समझाना चाहते हैं कि इस धरती में हर एक का अपना महत्व होता है। हमें किसी को भी हीन भावना से नहीं देखना चाहिए। यह कवितांश बिलकुल प्रासंगिक और अच्छा है।

    17-19 गद्यांश के आधार पर उत्तर
17. जल प्रकृति की अमूल्य संपदा है।                                 1
18. जल नहीं तो हम नहीं। जल जीवन का आधार है।                1
19. ഭാരതം ജലം സമൃദ്ധമായി ലഭ്യമായ രാജ്യങ്ങളിലൊന്നാണ്. എന്നാല്‍ എല്ലായിടങ്ങളിലും ഇത് ഒരേപോലെ ലഭ്യമല്ലെന്നതാണ് പ്രയാസം. 3

    सूचनाः 20 से 22 तक के प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर लिखें। (2x4=8)
20. सफल जीवन पर लघु लेख
सफल जीवन
       जीवन की अवधि लंबी नहीं होती। अत: इस क्षणिक जीवन में हमें कुछ आदर्शों का पालन करना अच्छा होता है।
     हमें सदा सच बोलना चाहिए। झूठ बोलना बुरी आदत है। एक झूठ बोलने पर और भी कई झूठ बोलने पड़ते हैं। मानव एक सामाजिक प्राणी है। उसे स्वार्थ भावना छोड़ देनी चाहिए। सभी नागरिकों में निस्वार्थ भावना हो तो समाज में बड़ा सकारात्मक परिवर्तन होता है। देश की उन्नति और अखंडता के लिए हमें देशप्रेमी होना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति देश के विरुद्ध कार्य करता है तो उसे रोकना चाहिए। हमें अच्छे मार्ग पर चलना चाहिए। भलाई के पक्ष में खड़ा रहना चाहिए। संपूर्ण समाज ही बुराई के मार्ग पर चलने पर भी हमें बुराई को स्वीकार नहीं करना चाहिए। याने हमें अपने अच्छे विश्वास और आदर्श पर अडिग रहना चाहिए। हमारी जिंदगी सुखमय होने के लिए प्रकृति की रक्षा अनिवार्य है। स्वच्छ प्रकृति स्वच्छ वायु और स्वच्छ जल प्रदान करती है। अत: हमें सदा प्रकृति की रक्षा करनी चाहिए।
       दुनिया में हमारा जीवन सफल और सार्थक बने। इसके लिए हमें उपर्युक्त बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
21. अकबर – बूढ़ी महिला वार्तालाप
बूढ़ी महिला: प्रणाम हुज़ूर।
अकबर : ज्ञान पाने के बारे में आप क्या कहना चाहती हैं?
बूढ़ी महिला: बुद्धिमान व्यक्ति जानते हैं कि सबकुछ सीख जाना संभव नहीं है।
अकबर : फिर।
बूढ़ी महिला: लेकिन सबको यह सीखना चाहिए कि अच्छा इंसान कैसे बन जा सकता है।
अकबर : उसके लिए क्या करना चाहिए?
बूढ़ी महिला: हमें सदा भलाई के मार्ग पर चलना चाहिए। बुराई के मार्ग को कभी भी स्वीकार करना नहीं
चाहिए।
अकबर : आप बड़ी ज्ञानी हैं। मैं आप का प्रणाम करता हूँ। बीरबल कहते हैं कि आप उनके पहले और श्रेष्ठ गुरुओं में एक हैं। बिलकुल सही लगता है।
बूढ़ी महिला: धन्यवाद जहाँपनाह!
अकबर: आज के दिन ने मुझे बहुत बड़ी जानकारी दी है। इसके लिए मैं बीरबल से आभारी हूँ। और,
आप जैसी महान ज्ञानियों का परिचय भी हुआ है। धन्यवाद।
22. स्कूल वार्षिकोत्सव – पोस्टर                                   3
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सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल, कडन्नप्पल्लि
स्कूल वार्षिकोत्सव 2016
7 जनवरी, 2016 गुरुवार
  • शैक्षिक प्रदर्शनी
  • कला-साहित्यिक प्रतियोगिताएँ
  • साँस्कृतिक कार्यक्रम
  • सार्वजनिक सम्मेलन
मख्यातिथि: श्रीमती पी.पी. लता
महापौर, कण्णूर नगर निगम
सबका स्वागत है
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5 comments:

  1. ഈ ഉത്തരസൂചിക ഒരു അവസാന വാക്കല്ല. ഇതിന് വേറെയും ഉത്തരരൂപങ്ങള്‍ നല്‍കിക്കൊണ്ടും നിര്‍ദ്ദേശങ്ങളും, വിമര്‍ശനങ്ങളും കൊണ്ട് ഇതിനെ കൂടുതല്‍ മെച്ചപ്പെടുത്താനുള്ള ശ്രമം എല്ലാ മാന്യ അധാപകരില്‍ നിന്നും ഉണ്ടാകട്ടെ എന്ന് ആശിക്കുന്നു.

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  2. IX धर्मनिरपेक्ष - മതനിരപേക്ഷ संस्था - സ്ഥാപനം दंडनीय - ശിക്ഷയര്‍ഹിക്കുന്ന संस्कृति - സംസ്കാരം नकारात्मक - ഗുണപരമല്ലാത്ത सांत्वना - സാന്ത്വനം सम्मुख - മുന്നില്‍ बहस करना - വഴക്കിടുക आँखें भरना - കണ്ണുകള്‍ നിറയുക
    VIII रोचक ढंग से - രസകരമായി संभलकर - ശ്രദ്ധയോടെ चबाना - ചവക്കുക सकारात्मक - ഗുണാത്മകമായ अडिग रहना - ഉറച്ചുനില്‍ക്കുക उपर्युक्त - മേല്‍പ്പറഞ്ഞ शैक्षिक प्रदर्शनी - വിദ്യാഭ്യാസ പ്രദര്‍ശനം सार्वजनिक सम्मेलन - പൊതുസമ്മേളനം

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  3. रवि जी....बाड़िया कदम.....आपका सधन्यवाद...और बधाइयाँ भी...प्रणाम...
    दीपक अनंता राव
    पूंजार
    कोट्टायम.

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