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उत्तर सूचिका 8,9


    ആമുഖത്തില്‍ പൊലിപ്പിച്ചു കാണിക്കേണ്ട വ്യക്തിത്വമല്ല വടകര വിദ്യാഭ്യാസ ജില്ലയിലെ അഴിയൂര്‍ ഗവ. ഹയര്‍ സെക്കന്ററി സ്കൂളിലെ ഹിന്ദി അധ്യാപിക കെ..രാഗിണി ടീച്ചര്‍. തന്റെ പ്രവര്‍ത്തന മേഖലയില്‍ ആത്മാര്‍ത്ഥതയുടെ ചുവടുറപ്പിച്ചു കൊണ്ട് സഞ്ചരിക്കുന്ന മികച്ച അധ്യാപിക. പരീക്ഷ നടന്ന ദിവസം തന്നെ ഉത്തരസൂചികയെപ്പറ്റി ചര്‍ച്ച ചെയ്ത് മണിക്കൂറുകള്‍ കൊണ്ട് എഴുതി തയ്യാറാക്കി ഹിന്ദി ബ്ലോഗിന്റെ ചുമതലക്കാരില്‍ എത്തിച്ച് ഹിന്ദി ബ്ലോഗ് കുടുംബത്തിലേക്ക് കടന്നുവന്ന രാഗിണി ടീച്ചറിന് അഭിനന്ദനങ്ങള്‍. നല്ല വാക്കുകള്‍ കൊണ്ട് നമുക്ക് ടീച്ചറിനെ സ്വാഗതം ചെയ്യാം.



1. तालिका की पूर्ति                                              2


पाठ
प्रोक्ति
रचयिता
बात उस मंगलवार की
डायरी
रमणी अटकुरी
मेरे बच्चे को सिखाएँ
पत्र
अब्रहाम लिंकन
सुख-दुख
कविता
सुमित्रामंदन पंत



2. घटनाओं को क्रमबद्ध करना।                                          2

  • अरुण गाँधी अपने पिताजी के साथ शहर की ओर निकला।
  • पिताजी को मीटिंग की जगह छोड़ा
  • जॉन बेन की एक दिलचस्प फिल्म देखते-देखते समय बीत गया।
  • शाम को छह बजे पिताजी के पास पहुँचा


3. डॉ. रमणी अटकुरी की चरित्रगत विशेषताएँ                     2

  • गरीबों को प्यार करनेवाली
  • नौकरी के प्रति समर्पण भाव रखनेवाली।

    सूचनाः 4 से 6 तक के प्रश्नों के उत्तर कोष्ठक से चुनकर लिखें।

4. गरीबी।                                                                        1

5. अब्रहाम लिंकन।                                                              1

6. भलाई।                                                                        1

    सूचनाः 7 से 10 तक के प्रश्नों में से किन्हीं तीन के उत्तर लिखें। (3x2-6)

7. हाँ,सहमत हूँ। हमेशा सुख में रहनेवालों का जीवन यंत्र के समान होता है। इसलिए जीवन में सुख और दुःख का प्रभाव समान रूप से होना चाहिए।

8. अब्रहाम लिंकन मेहनत करके पैसे कमाने के पक्ष में हैं। वे यह भी मानते हैं कि जो पैसा मेहनत से कमाते है वह हराम में मिली नोटों की गड़्ड़ी से अधिक मूल्यवान होता है।

9. अरुण गाँधी और उनके दो बहिनें गाँव के एक आश्रम में रहते हैं। लेकिन उनके मित्र और रिश्तेदार शहर में है। उनसे मिलने के लिए वे शहर जाने के इंतज़ार में रहते है।

10. हमेशा कठिन मेहनत करने से मज़दूर के दोनों कंधे पसीने से लथपथ है। यही पसीना ही सीलन का कारण बन गया है।

आशय पढ़कर पंक्ति चुनें

11. बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर।                               1

12. तालिका भरें।                                               3


हार
पराजय
दुनिया
संसार
इंसान
मनुष्य
मेहनत
परिश्रम
आसमान
गगन
शर्म
लज्जा
सबक
सीख

13. रामु अच्छा लड़का है। उसके घर में एक छोटा कुत्ता है। उसका नाम नीलू है।वह ज़ोर से भौंकने पर सब लोग डर जाते थे                                                                      2

14. दाँत।                                                                    1

15. जीभ और दाँत।                                                        1

16. कविता का आशय                                                  3

यह अरुण कमल से लिखी गयी एक छोटी-सी कविता है। इसके द्वारा कवि ने हर एक चीज़ों की नश्वरता और महत्व पर इशारा किया है।

कविता में दाँत जीभ से कहता है कि तुम अकेली हो,हम बत्तीस हैं। इसलिए संभलकर रहने की धमकी भी देता है। यह सुनकर जीभ अपने अस्तित्व पर जोर देती हुई कहती है-जब तक शरीर है तब तक मैं रहूँगी,लेकिन आप सब उसके पहले ही झड़ जाएँगे।

कवि यहाँ हमारे अस्तित्व और नश्वरता पर विशेष बल देता है। अत: यह कविता अच्छी आशयवाली और प्रासंगिक है।

17. जल।                                                                    1

18. जल जीवन का आधार है।                                              1

19. വിപുലമായ അളവില്‍ ജലം ലഭ്യമാകുന്ന ഒരു രാജ്യമാണ് ഭാരതം. എന്നാല്‍ എല്ലാ പ്രദേശങ്ങളിലും ജലം സുലഭമല്ല എന്ന പ്രശ്നവുമുണ്ട്.           2

    सूचनाः 20 से 22 तक के प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर लिखें। (2x4=8)

20.

सफलल जीवन

जीवन क्षणिक है। क्षणिक जीवन को सफल जीवन बनने के लिए कुछ आदर्शों का पालन करके आगे बढ़ना है। अपने विश्वासों पर अड़िग रहते हुए सच्चाई की राह पर चलना चाहिए। ऐसे होते तो हमारे मन में जो स्वार्थता की भावना है वह पूर्ण रूप से मिट जाएँगे।

सफल जीवन का लक्षण यह भी है कि प्रकृति की रक्षा यानी सहजीवियों से प्रेमपूर्वक व्यवहार करते हुए देशप्रेम बढ़ाना। मतलब है-सच्चाई,निस्वार्थता,प्रकृतिप्रेम,देशप्रेम आदि सफल जीवन का मूल आधार हैं। हमें इनका पालन करके जीना अनिवार्य है।

21. बूढ़ी माँ : शाहंशाह की जय हो..

अकबर : माँ, मैं आपके सामने सिर झुकाना चाहता हूँ।

बूढ़ी माँ : क्यों महाराज?

अकबर : आपके कथन से मुझे मालुम हुआ कि 'अच्छा इंसान कैसे बनें'

बूढ़ी माँ : आप जैसे महान व्यक्तियों के सामने मैं बहुत छोटा हूँ।

अकबर : व्यक्तियों का महत्व उनके ज्ञान और अनुभव के आधार पर है,राजा प्रजा होने से नहीं।

बूढ़ी माँ : शाहंशाह,आप बहुत-बहुत ज्ञानी है।

अकबर : माँ,यह विचार ही आपका बढ़पन है।
22. स्कूल वार्षिकोत्सव – पोस्टर                                    3

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सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय
अष़ियूर-वटकरा

स्कूल वार्षिकोत्सव

३०-०३-२०१५, रविवार, सायं 4 बजे
स्कूल खेल के मैदान में
उद्घाटन: अनिता कुमारी, जिला शैक्षिक अधिकारी
कार्यक्रम में प्रांतीय कलाकार भाग लेते हैं
रात ९ बजे नाटक ज्ञानमार्ग
सबका स्वागत है


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तैयारी : के..रागिणी
हिंदी अध्यापिका
सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय, अष़ियूर-वटकरा


इसका पी.डी.एफ यहाँ से डाऊणलोड़ करें

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