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प्रिय डॉक्टेर्स - भाग २

अगला अंतर :
भाषा की बातें:
विराम चिह्न
विराम का अर्थ है- 'रुकना' या 'ठहरना'। वाक्य को लिखते अथवा बोलते समय बीच में कहीं थोड़ा-बहुत रुकना पड़ता है जिससे भाषा स्पष्ट, अर्थवान एवं भावपूर्ण हो जाती है। लिखित भाषा में इस ठहराव को दिखाने के लिए कुछ विशेष प्रकार के चिह्नों का प्रयोग करते हैं। इन्हें ही विराम चिह्न कहा जाता है। भावों और विचारों को स्पष्ट करने के लिए जिन चिह्नों का प्रयोग वाक्य के बीच या अंत में किया जाता है, उन्हें विराम चिह्न कहते हैं;
जैसे 
1.रोको मत जाने दो। 
2.रोको, मत जाने दो। 
3.रोको मत, जाने दो।
उपर्युक्त उदाहरणों में पहले वाक्य में अर्थ स्पष्ट नहीं होता, जबकि दूसरे और तीसरे वाक्य में अर्थ तो स्पष्ट हो जाता है लेकिन एक दूसरे का उल्टा अर्थ मिलता है जबकि तीनों वाक्यों में वही शब्द हैं। दूसरे वाक्य में 'रोको' के बाद अल्पविराम लगाने से रोकने के लिए कहा गया है जबकि तीसरे वाक्य में 'रोको मत' के बाद अल्पविराम लगाने से किसी को न रोक कर जाने के लिए कहा गया है। इस प्रकार विराम-चिह्न लगाने से दूसरे और तीसरे वाक्य को पढ़ने में तथा अर्थ स्पष्ट करने में जितनी सुविधा होती है उतनी पहले वाक्य में नहीं होती। अतएव विराम-चिह्नों के विषय में पूरा ज्ञान होना आवश्यक है। 
हिन्दी में मुख्यत: तीन तरह के विराम चिह्नों का प्रयोग किये जाते हैं- 
1. पूर्ण विराम (।) 2. अर्द्धविराम (;) 3. अल्पविराम (,)

क्रम
नाम
विराम चिह्न

क्रम
नाम
विराम चिह्न
1
पूर्ण विराम या विराम
()

7
(-)
2
अर्द्धविराम
(;)

8
[()]
3
अल्पविराम
(,)

9
(^)
4
(?)

10
रेखांकन
(_)
5
(!)

11
लाघव चिह्न
(·)
6
("") (' ')

12
(...)

विराम चिह्न:
वाक्यों का वाचन करें
1. छोड़ो मत, पकड़ो।
छोड़ो, मत पकड़ो।
2. वह घोड़ा, गाड़ी खींचता है।
वह, घोड़ा गाड़ी खींचता है।
? दोनों वाक्यों का मातृभाषा में अनुवाद करें।
? अर्थ में क्या अंतर है?
? अंतर कैसे समझ लिया है?
उत्तर बताने का अवसर दें।
  • यह विरामचिह्नों को उचित स्थानों पर प्रयोग करने से हुआ है। अत : इसका उचित प्रयोग न करने पर अर्थभेद होने की संभावना है।

ऐसे अन्य वाक्य-जोड़ों से परिचय पाएँ।
1. उसे रोको, मत चलने दो।
उसे रोको मत, चलने दो।
2. बैठो, मत खड़े रहो।
बैठो मत, खड़े रहो।
3. बोलो, मत चुप रहो।
बोलो मत, चुप रहो।
पुनर्लेखन करें। टी.बी. पृ. 44.( चुटकुले ) वैय्तिक रूप में करें , चर्चा चलाएँ ।

विभिन्न लिंगों में प्रयुक्त समानार्थी शब्द:
1. उसका शरीर नाटा है।
उसकी देह नाटी है।
2. उसकी हालत बुरी है।
उसका हाल बुरा है।
3. उसकी मृत्यु हुई है।
उसका देहान्त हुआ है।
ज् इन भिन्न लिंगवाले समानार्थी शब्दों से परिचय पाएँ और वाक्य बनाएँ।
दण्ड - सज़ा विवाह - शदी इलाज - चिकित्सा प्रतीक्षा - इंतज़ार मेहनत - प्रयत्न जिंदगी - जीवन राह - रास्ता आँख - नेत् किताब - ग्रंथ लाश - शव
  • पाठभाग से विभिन्न लिंग में प्रयुक्त समानार्थक शब्द चुन कर लिखें। 
    अगला अंतर
    टी.बी. पृ. 44 का अनुवाद कार्य करवाएँ।
    किसी एक दल की उपज का संशोधन।
    हस्तान्तरण करके अन्य दलों की उपजों का संशोधन।

    अतिरिक्त कार्य: खंड का अनुवाद करें।
    डिस्लेक्सिया: इस शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा से है। इसका अर्थ है बोलने और लिखने में तकलीफ़। सौ लोगों में से दस को डिस्लेक्सिया है। लड़कों में डिस्लेक्सिया ज़्यादा पाया जाता है। वे लेखन, वाचन और वर्तनी पहचानने में कठिनाई का अनुभव करते हैं। वे मंदबुद्धिवाले नहीं हैं। विश्व विख्यात वैज्ञानिक एडिसन, ऐन्स्टीन आदि डिस्लेक्सिया के शिकार थे।
    प्रस्तुतीकरण ।
    आवश्यक सुझाव ।
सच्चा चिकित्सक सारी दुनिया को अपना परिवार मानते हैं
चिकित्सा क्षेत्र में नैतिक मूल्यों को बनाए रखना है।
डॉ. कुमार का चरित्र-चित्रण तैयार किया है।
मरने के बाद भी कुछ लोग काम आते हैं- टिप्पणी तैयार की है।
देवदास की डायरी लिखी है।
विरामचिह्नों का परिचय पाया है।
विभिन्न लिंगों में प्रयुक्त समानार्थी शब्दों का प्रयोग पहचान लिया है।
अनुवाद कार्य किया है।

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