Kannur
Dist. Panchayath- Mukulam
SSLC
Model Exam-Feb.2017
Hindi-
Answer
1.
हृदय।
2.
मैं
ज़मीन बेचना नहीं चाहता ।
3.
यह
एक किसान का बयान है। एक किसान
के लिए ज़मीन अपने हृदय के
समान है।
उसके
लिए ज़मीन बेचने का मतलब है
अपना हृदय ही बेचना। (बयान
– प्रस्ताव)
4.
पटकथा
-
बीरबहूटी
सीन
1
स्थान
-
स्कूल
समय
-
सबेरे
दस बजे ।
(
करीब
10
साल
के उम्रवाले बच्चे बेला और
साहिल स्कूल के बरामदे में
खड़े हैं । दोनों के हाथ में
रिपोर्ट कार्ड हैं । )
बेला
: साहिल
अब तुम कहाँ पढ़ोगे ?
साहिल
:
(उत्तर
नहीं देता है । उल्टे पूछता
है ।)
तुम
कहाँ पढ़ोगी बेला ?
बेला
:
राजकीय
कन्या पाठशाला में । और तुम
?
साहिल
:
मुझे
अगले साल अजमेर भेज देंगे
।
बेला
: क्यों
साहिल ?
साहिल
:
पता
नहीं ।
(दोनों
एक दूसरे का रिपोर्ट कार्ड
देखते हैं । दोनों की आँखें
भर जाती हैं।)
5.
बेला
और साहिल एक ही क्लास में
पढ़नेवाले भोले-भाले
बच्चे हैं। वे एक दूसरे से
बहुत प्यार करते हैं। बिछुड़न
के समय दोनों की आँखें भर
जाती हैं। प्यार और दोस्ती
का आच्छा नमूना इन निरीह
बच्चों में हम देख सकते हैं।
6.
(अ)
पाँचवीं
के लड़के आ गये।
(आ)
पाँचवीं
की लड़की आ गयी ।
7.
परंपरागत
रूप से एक आदमी के नाम,
उम्र,
पता,
ओहदा,
जाति
आदि के बारे में पता है ते
हम उसे जानने हैं । लेकिन
'हताशा
से एक व्यक्ति बैठ गया था'कविता
के अनुसार यदि हम किसी व्यक्ति
को उसकी हताशा,
निराशा,
असहायता
या उसके संकट से नहीं जानते
तो हम कुछ नहीं जानते।
8.
फेलू
:
हमारी
गाड़ी खराब हो गयी ।
ऊँटवाला
:
आप
को कहाँ जाना है ?
फेलू
:
रामदेवरा
स्टेशन तक ।
ऊँटवाला :
घबराइए
मत । आप ऊँट पर वहाँ जा सकते
हैं ।
फेलू
:
स्टेशन
तक कितने मील दूर होंगे ?
ऊँटवाला
:लगभग
आठ मील । हम क्या करें ?
फेलू
:
आप
ऊँट को लेकर आइए ।
ऊँटवाला
:
जी,
अभी
लेकर आता हूँ ।
फेलू
:
देखो,
ऊँट
को थोड़ा सज-धजाकर
लाना है ।
ऊँटवाला
:
जी,
आप
की इच्छा ।
9.
वे
+
को
=
उनको
।
10.
तारीख......
,
दिन.....
।
आज
कैसा दिन था !
सोचना
भी कठिन है। आवाज़ की खराबी
के कारण मुझे स्टेज से हटना
पड़ा । लोगों के कोलाहल से
मैं बिलकुल डर गयी । लेकिन
मेरा बेटा चार्ली ने सब कुछ
संभाल लिया । पाँच वर्ष के
मेरे बेटे ने स्टेज पर जाकर
करामत दिखाई । लोगों को बड़ा
मज़ा आया । उन्होंने छोटे
चार्ली की तारीफ़ की । यह
मेरा आखिरी शो था ।
11.
जाति-प्रथा
समाज का अभिशाप
मनुष्य
जाति से नहीं,
कर्मों
से महान होता है ।
“अस्पृश्यता
ईश्वर और मानवता के प्रति
आपराध है।"
एक
जाति..
एक
धर्म..
एक
ईश्वर..
।
12.
फुलदेई
उत्तराखंड़ के बच्चों का सबसे
बड़ा त्यौहार है। बच्चे देर
शाम तक फूल चुनने के बाद उसे
रिंगाल की टोकरियों में रखते
हैं। सुबह होते ही बच्चों की
टोलियाँ गाँव के विभिन्न घर
जाकर देहरियों पर फूलों से
सजाते हैं। घरवाले उनको दक्षिणा
के रूप में चावल,
गुड़,
दाल
आदि देते हैं। इन सीमग्रियों
से सामूहिक भोजन बनाया जाता
है ।
13.
त्यौहार
14.
बालश्रम।
15.
बचपन
में खेलने और पढ़ने की सुविधाएँ
मिलनी चाहिए। क्योंकि आज के
बच्चे कल के नागरिक हैं। बचपन
में ही उनका शारीरिक और मानसिक
विकास होता है ।
16.
आधुनिक
हिंदी कविता के क्षेत्र में
राजेश जोशी का प्रमुख स्थान
है। "बच्चे
काम पर जा रहे हैं"
उनकी
छोटी एवं सशक्त कविता है ।
प्रस्तुत कविता में कवि बालश्रम
के विरुद्ध आवाज़ उठाते हैं
।
हम
जानते हैं कि आज के बच्चे कल
के नागरिक हैं । इसलिए उनको
बचपन में ही शारीरिक और मानसिक
विकास का अवसर मिलना चाहिए ।
लेकिन आज के बच्चे बचपन की
सुख-सुविधाओं
से वंचित हैं। उन्हें पढ़ने और खेलने का
अवसर नहीं मिलता।
दुख की बात है कि छोटी उम्र
में ही बच्चों को काम पर जाना
पड़ता है । छोटे बच्चों को काम
पर भेजना स्वस्थ समाज के लिए
शोभा नहीं देता
। बालश्रम
की भयानक समस्या पर पाठकों
का ध्यान आकर्षित करनेवाली
यह
कविता बिलकुल समकालीन और
प्रासंगिक है ।
17.(अ)
लड़के
रोने लगे ।
(आ)
मुझे
पानी पीना पड़ता है ।
रतीशन
पी पी
GHSS
Koyyam.
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