Powered by Blogger.

Saturday, 6 August 2016

'पड़' सहायक क्रिया का प्रयोग


'पड़' सहायक क्रिया का प्रयोग

पड़ सहायक क्रिया के प्रयोग से किसी कार्य को करने की विवशता का बोध होता है। याने करना पसंद नहीं तो भी करने में मज़बूर होता है ऐसा भाव होता है।

कर्ता+को,  क्रिया प्रायः कर्म के अनुसार बदल जाती है।

  
उदा:
मुझे बड़े सबेरे उठना पड़ता है। (अकर्मक)
എനിക്ക് വളരെ രാവിലെത്തന്നെ എഴുന്നേല്‍ക്കേണ്ടി വരുന്നു.

बच्चे को स्कूल तक पैदल जाना पड़ता है। (अकर्मक)
കുട്ടിക്ക് സ്കൂള്‍ വരെ നടക്കേണ്ടിവരുന്നു
 
रमेश को ठंडे पानी में नहाना पड़ता है। (अकर्मक)
രമേശന് തണുത്ത വെള്ളത്തില്‍ കുളിക്കേണ്ടിവരുന്നു.

गीता को काढ़ा पीना पड़ा। (काढ़ा കഷായം कर्म, पुल्लिंग एकवचन)
ഗീതക്ക് കഷായം കുടിക്കേണ്ടി വന്നു.

हमें चीनी के बिना चाय पीनी पड़ती है। (चाय कर्म, स्त्रीलिंग एकवचन)
നമുക്ക് പഞ്ചസാരയില്ലാതെ ചായ കുടിക്കേണ്ടി വരുന്നു.

राहुल को सुबह से शाम तक कड़ी मेहनत करनी पड़ी।
(मेहनत कर्म, स्त्रीलिंग एकवचन)
രാഹുലിന് രാവിലെ മുതല്‍ വൈകുന്നേരം വരെ കഠിനാദ്ധ്വാനം ചെയ്യേണ്ടി വന്നു.

अकर्मक वाक्यों में क्रियाएँ पुल्लिंग एकवचन में होती हैः

उदाः लड़के को स्कूल तक पैदल जाना पड़ता है।
      लड़कों को स्कूल तक पैदल जाना पड़ता है।
      लड़की को स्कूल तक पैदल जाना पड़ता है। 
      लड़कियों को स्कूल तक पैदल जाना पड़ता है।


No comments:

Post a Comment

© hindiblogg-a community for hindi teachers
  

TopBottom