SSLC
Hindi Model Exam Feb 2016
Model
Answer Paper
1.
तालिका
की पूर्ति करके लिखें। 2
- पाठप्रोक्तिरचयितागौरारेखाचित्रमहादेवी वर्मामनुष्यताकवितामैथिलीशरण गुप्तसकुबाईनाटकनादिरा ज़हीर बब्बरआदमी का बच्चाकहानीयशपाल
2.
अंग्रेज़ी
शब्दों के स्थान पर समानार्थी
हिंदी शब्द रखकर पुनर्लेखन- 3
मैं
डाक घर गया। मुझे डाकपाल
से मिलना था। चपरासी से पूछताछ
करके उनसे मिला।
3.
कोष्ठक
से घटनाएँ चुनकर सही क्रम से
खाली स्थान की पूर्ति। 2
- एक दिन एक हाथी तोरपा ब्लॉक पहुँचा।
- हाथी का पैर बिजली के तारों पर पड़ा और मर गया।
- एक महीने तक हाथी की लाश वहीं पड़ी रही।
- हाथियों का झुंड वहाँ आया और उसे दफनाया।
4.
डॉ.
लालूराम
की चरित्रगत विशेषताएँ। 2
सेवाभाव वाला।- आर्थिक लाभ के लिए काम करनेवाला।
- रोगियों को तकलीफ देनेवाला।
सूचना:
5 से 7
तक के
प्रश्नों में से किन्हीं दो
प्रश्नों के उत्तर लिखें। (2x2=4)
5.
'रेडियो
खुला छोड़कर गए हैं,
भूतों
को सुनाने के लिए'-
सकुबाई
के इस कथन से परिवारवालों का
कौन-सा
मनोभाव व्यक्त होता है? 2
अपने
घरेलू काम करवाने के लिए बाई
रखने पर घरवालों का मनोभाव
होता है कि हमने बाई रखी है,
फिर घर
का काम क्यों करें। इसलिए घर
के सभी काम बाई पर छोड़कर वे
लोग अपने काम करने जाते हैं।
वेतन देने पर उसका अधिकाधिक
लाभ उठाने का प्रयास वे करते
हैं।
6.
'ख्याति
और प्रभाव में हम सदा यही चाहते
हैं कि हम अपने शिष्यों से कम
प्रमुख रहे।'
फारसी
पत्रकार से गामा के इस कथन पर
अपना विचार लिखें। 2
भारतीय
संस्कृति के अनुसार प्राय:
गुरु
शिष्य को अपने से भी महान बना
देखना चाहते हैं। गुरु के लिए
शिष्य अपने पुत्र से भी प्यारा
होता है। भारतीय गुरुओं का
यह विचार मैं अच्छा मानता हूँ।
7.
धन के
अधिक होने पर पानी की तरह उलीचना
है- कबीर
के इस कथन पर अपना विचार
लिखें। 2
किसी
के पास धन अधिक होने पर दोनों
हाथों से उसे गरीब लोगों को
दान देना वहुत अच्छी बात होती
है। ऐसा करने से गरीब लोग
धीरे-धीरे
अपनी गरीबी से मुक्त होते हैं।
सूचना:
8 से 11
तक के
प्रश्नों में से किन्हीं तीन
प्रश्नों के उत्तर लिखें। (3x4=12)
8.
'वही मनुष्य
है कि जो मनुष्य के लिए मरे'-
मनुष्यता
का संदेश देनेवाला पोस्टर
तैयार करें। 4
मानव
एक सामाजिक प्राणी है।
उसका
कुछ सामाजिक दायित्व भी होता
है।
हर
मानव
अपने
समाज के लिए
अपने
देश की भलाई के लिए
कुछ
सत्कार्य भी करें।
हमारी
मृत्यु के बाद भी समाज हमें
याद करें।
वैसे
हम लोगों के मन में ज़िंदा
रहें।
9.
गौरा की
दयनीय दशा पर महादेवी वर्मा
दु:खी
है। इस विषय पर डॉक्टर से उनका
वार्तालाप तैयार करें। 4
महादेवीः
आइए
डॉक्टर,
हमारी
गौरा की जाँच कीजिए।
पशु
चिकित्सकः हाँ जी,
हम आपकी
गौरा की जाँच अभी करते हैं।
अच्छा गाय को क्या
हुआ
है?
महादेवीः
आजकल
यह दाना-चारा
बहुत कम लेती है और उत्तरोत्तर
कमज़ोर
होती
जा रही है।
पशु
चिकित्सकः कितने दिनों से यह
दिखाई पड़ा है?
महादेवीः
10-15 दिनों
यह ऐसी है। ऐसा क्यों होता है
डॉक्टर?
पशु
चिकित्सकः जाँच करना पड़ेगा।
महादेवीः
क्या
यह कोई बीमारी होगी डॉक्टर?
पशु
चिकित्सकः मुझे संदेह है कि
उसके पेट में सुई पहुँची है।
महादेवीः
सुई!
वह कैसे
होती है!
दाना-चारा
तो हम ही देते हैं।
पशु
चिकित्सकः दाना-चारा
के साथ सुई पेट तक नहीं पहुँचती।
मुँह में छिदकर रहती है।
किसी
ने खिलाई होगी।
महादेवीः
कैसे
बचा सकते हैं डॉक्टर?
पशु
चिकित्सकः निश्चित रूप से
बताने के लिए एक्स रे,
निरीक्षण-परीक्षण
आदि करना
पड़ेगा।
महादेवीः
जल्दी
कीजिए। मेरी गौरा को बचाइए।
10.
मेडिकल
कॉलेज के अनाटमी हॉल के अनुभवों
को देवदास एक पत्र के रूप में
अपने मित्र को लिखता है। वह
पत्र तैयार करें।
स्थान:
.................,
तारीखः
...............।
प्रिय
महेश,
तुम
कैसे हो?
घर
में सब कैसे हैं?
मैं
यहाँ ठीक हूँ।
मेडिकल
कॉलेज में आज मेरा पहला दिन
था। थोड़ी-सी
घबराहट के साथ आज मैं कॉलेज
पहुँचा। एनॉटमी हॉल में प्रोफेसर
डॉ.
कुमार
ने बड़ा भाषण दिया। पूरे भाषण
में उपदेश और निर्देश थे। वे
कह रहे थे कि,
यह
एक निस्वार्थ सेवा है,
पैसे
की लालच में कोई भी डॉक्टर न
बने आदि। डॉक्टर के लिए वसुधा
ही कुटुंब है। उसे धर्म,
जाति,
लिंग,
भाषा,
रंग
आदि किसी भी भेदभाव नहीं होना
चाहिए। उनका भाषण समाप्त होने
पर ऐसा लगा कि एक आँधी उभरी और
थम गई। हॉल में बड़े मर्तबानों
में मानव शरीर के विभिन्न अंग
दवा में डालकर रखे थे। क्या-क्या
पढ़ना होगा!
तुम्हारे
माँ-बाप
को मेरा प्रणाम। शेष बातें
अगले पत्र में।
तुम्हारा
मित्र,
देवदास।
सेवा
में
श्री.
के.
महेश,
….................
….................
11.
गजाधर
बाबू को चीनी मिल में नौकरी
मिलती है। वह घर से चला जाता
है। उस दिन की गजाधर बाबू की
डायरी तैयार करें।
स्थान:..................
तारीख:.................
हे
भगवान!
नौकरी
से रिटायर होकर घर आते समय
क्या-क्या
विचार थे। पत्नी और बच्चों
के साथ शेष जिंदगी खुशी से
बिताने का सपना देख रहा था।
लेकिन...
ये लोग
ऐसे क्यों हुए?
मुझे अपने
घर में पराया जैसा अनुभव हुआ
है। मेरी चारपाई के लिए भी घर
में स्थान नहीं। सब आलसी हुए
हैं। कोई भी मेहनत करने के लिए
तैयार नहीं। अनावश्यक खर्च
कितना बढ़ गया है!
यह असहनीय
है। मैं आज...
घर से
दूर... चीनी
मिल में नौकरी के लिए जा रहा
हूँ। क्या करूँ?
और कोई
चारा नहीं मेरे पास। सेवक
गणेशी से मिला प्यार भी यहाँ
बीबी-बच्चों
से नहीं मिलता!
सूचना:
कवितांश
पढ़कर 12
से 14
तक के
प्रश्नों के उत्तर लिखें।
12.
मेरे
सामने आम के,
जामुन
के, महुवे
के, कटहल
के आदि पेड़ हैं। 1
13.
'पेड़' 1
14.
कवितांश
का आशय 3
प्रस्तुत
कवितांश प्रकृति की विशेष
एकता का वर्णन करता है।
प्रकृति
में आम के,
जामुन
के, महुवे
के, कटहल
के आदि विभिन्न प्रकार के
पेड़-पौधे
हैं। ये पेड़-पौधे
अलग-अलग
प्रकार के फल-फूल
प्रदान करनेवाले हैं,
अलग-अलग
जाति के हैं। लेकिन प्रकृति
में इन सब पेड़-पौधों
का अपना-अपना
स्थान है,
वे सब
मिलकर रहते हैं। इस तरह हमारे
देश में विभिन्न जातियों और
धर्मों के लोगों का अपना-अपना
स्थान है।
प्रकृति
में जैविक विविधता के समान
हमारे देश में विभिन्न जाति-धर्मों
के बीच विभिन्नता में एकता
दिखाई पड़ती है। विभिन्नता
में एकता पर बल देनेवाला यह
कवितांश बिलकुल अच्छा और
प्रासंगिक है।
15.
संशोधन करके
खंड का पुनर्लेखन करें- 2
रवि
की बहिन शहर में रहती
है। उसके दो बच्चे हैं।
छुट्टी के
दिन वे गाँव आते हैं।
16.
उचित
विशेषण चुनकर खंड का पुनर्लेखन- 2
गरीब
माँ-बाप
का होशियार बेटा रामू कठिन
परिश्रम से परीक्षा में अच्छे
अंक पाते हैं।
17.
उचित योजक
से वाक्य-मिलान- 1
मैंने
पढ़ा है कि अकबर महान सम्राट
हैं।
सूचना:
खंड पढ़कर18
से 21
तक के
प्रश्नों के उत्तर लिखें।
18.
नदी
गाँव से
होकर बहती है। 1
19.
'सुंदी
नदी' में
'नदी'
शब्द
संज्ञा है। 1
20.
'उसमें'
में सर्वनाम
वह है? 1
21.
नदी के
पानी से क्या-क्या
लाभ हैं? 2
नदी
के पानी से लोग खेतों को सींचते
हैं। उससे लोग स्नान भी करते
हैं, कपड़े
भी धोते हैं।
रवि,
हिंदी
ब्लॉग
Q.N0.15
ReplyDeletechutti ka din sahi he na.
'छुट्टी का दिन' यहाँ सही नहीं है। यहाँ लुप्त कारक का नियम है। छुट्टी के दिन (में) वे गाँव आते हैं। याने इस वाक्य में 'में' लुप्त है, छिपा हुआ है। और एक उदाहरण देखें। मैं अपने घर जाता हूँ। मैं अपना घर जाता हूँ नहीं। 'याने मैं अपने घर (में) जाता हूँ' असली रूप होता है। लेकिन दुख की बात है कि यह बात बच्चे जानते नहीं होंगे। ऐसे नियमों को प्रश्नकर्ता छोड़ सकते थे। रवि.
ReplyDeleteGOOD WORK SIR
ReplyDeletevish leshan sahi hai prashnapathr thayyar karna bayiyom kripaya chathrom ko bi dek ligiya danyavad uday
ReplyDelete