Powered by Blogger.

Wednesday 14 August 2013


... ...
आजादी की 67वीं वर्षगाठ पर आपको हार्दिक शुभकामनाएँ।
स्वतंत्रता संग्राम के उन दिनों की बात है, जब जलियांवाला बाग में जनरल डायर ने हजारों निर्दोष भारतीयों पर गोलियां चलवाई थीं और धरती खून से लाल हो गई थी । जब भगतसिंह ने यह सुना, उस समय उनकी उम्र केवल 12 वर्ष थी । अगले दिन वह घर से स्कूल जाने के लिए निकले, पर स्कूल न जाकर जलियांवाला बाग गए। वहां धरती अभी तक लाल थी । वह वहीं बैठ गए और एक शीशी में खून से सनी मिट्टी भरने लगे । मिट्टी भर कर शीशी जेब में रख ली और वहीं बैठ कर घंटों सोचते रहे । जब उन का ध्यान टूटा तो शाम घिर आई थी । स्कूल में कब की छुट्टी हो चुकी थी ।
जब वह देरी से घर पहुंचे तो बहन ने पूछा, ''इतनी देर कहां लगा दी ?'' '' जलियांवाला बाग गया था,'' फिर उन्होंने शीशी जेब से निकाली । बहन ने पूछा, ''इस में क्या है?'' '' यह शहिदों का खून है।'' ''इससे क्या होगा?'' भगतसिंह ने शीशी को मजबूती से पकड़ते हुए दृढ़ता से कहा,''मुझे प्रेरणा मिलेगी।'' उसी प्रेरणा का परिणाम था कि समय आने पर वह हंसते हंसते मातृभूमि के लिए शहीद हो गए ।
... ...

No comments:

Post a Comment

© hindiblogg-a community for hindi teachers
  

TopBottom