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Sunday, 23 February 2014

आसरा 19 (23-02-2014)


  29-01-2014ന് ദേശാഭിമാനി അക്ഷരമുറ്റം സപ്ലിമെന്റില്‍ ജി.എച്ച്.എസ്.എസ്. ആനമങ്ങാട് സ്കൂളിലെ ഹിന്ദി അധ്യാപകനായ മനോജ്കുമാറിന്റേതായി പ്രസിദ്ധീകരിച്ച ഹിന്ദി ചോദ്യപേപ്പറിന്റെ മാതൃകാ ഉത്തരപേപ്പര്‍ .PDF രൂപം പോസ്റ്റിന് താഴെ നിന്ന് ഡൗണ്‍ലോഡ് ചെയ്യാം
 തയ്യാറാക്കിയത് : രവി. എം., ജി.എച്ച്.എസ്.എസ്., കടന്നപ്പള്ളി
1. तालिका की पूर्ति करें।                                                  2
पाठ
प्रोक्ति
रचयिता
नदी और साबुन
कविता
ज्ञानेन्द्रपति
बाबूलाल तेली की नाक
कहानी
स्वयंप्रकाश
सकुबाई
एकपात्रीय नाटक
नादिरा ज़हीर बब्बर
भारतीय संस्कृति में गुरु शिष्य संबंध
लेख
आनंद शंकर माधवन
2. घटनाओं को क्रमबद्ध करके लिखें।                                      2
  • चपरासी ने कमरा खोला
  • ट्यूटर महोदय रजिस्टर खोलकर हाजिरी लेने लगे।
  • डिसेक्शन हॉल में प्रवेश करने पर देवदास के नथुनों पर तेज़ बदबू घुसी।
  • देवदास कुछ क्षणों तक लाशों को देखता रहा।
3. गजाधर बाबू की विशेषताएँ।                                            2
  • घरवालों के मनोविनोद में भाग लेना चाने थे।
  • स्नेही व्यक्ति थे और स्नेह के आकांक्षी थे।
4. अंग्रेज़ी शब्दों के साथान पर समानार्थी हिंदी शब्द-                   3
    नाजिया अपनी खाता संख्या भूल गई थी। वह पूछताछ काउंटर पहुँची। वहाँ से उसको प्रबंधक से मिलने का निर्देश मिला।
5. गरीब मज़दूरों की गंदी गलियों के बच्चों को पढ़ाई करके जिंदगी में उच्च स्थान प्राप्त करने का  2 अवसर नहीं मिलता। उनके घरों में आवश्यक सुविधाएँ भी नहीं होतीं। इसलिए कवि भगवत रावत ने अपनी कविता 'वह तो अच्छा हुआ' में ऐसा कहा कि 'ऐसे बच्चे देश का भविष्य बन नहीं सकते थे'
6. व्यापारियों की तरफ़ से व्यापार बढ़ाने के लिए कुछ--कुछ ऑफर दिए जाते हैं। 'दो खरीदें,  2  
एक मुफ्त में लें' जैसे। वास्तव में यह एक प्रकार की ठगी है। लेकिन ग्राहकों के मन को लुभाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। बड़े दाम में सामान बेचे जा रहे हैं।
7. हमारे देश में बेकारी की समस्या के कारण पढ़े-लिखे लोग और अनपढ़ लोग घूम रहे हैं। कुछ   2 नौकरियाँ भी ऐसी हैं जिसके लिए घर-घर घूमना पड़ता है। 'सकुबाई' नामक एकपात्रीय नाटक में अनपढ़ सकुबाई मेमसाब के घर में डिटर्जेंट बेचने के लिए आई लड़की को देखकर ऐसा कह रही कि- 'रोज़गार के लिए पढ़े-लिखे लोग भी घर-घर घूमते हैं और अनपढ़ भी'
8. डिसेक्शन हॉस का अनुभव: देवदास की डायरी                                  4
तारीख: …....................
         आज मेडिकल कॉलेज में मेरा पहला दिन था। थोड़ी-सी घबराहट के साथ मैं जल्दी ही कॉलेज पहुँचा। पहले एनॉटमी हॉल में प्रोफेसर डी. कुमार का भाषण था। ज़ोरदार, उपदेशात्मक भाषण। फिर डिसेक्शन हॉल में। हे भगवान! नौ मेज़ों पर एक-एक लाश और एक कद्दावार टंकी जिसमें लाशें तैर रही थीं। मौत का कुआँ जैसा लगा। हॉल में प्रवेश करते ही तेज़ बदबू नाक में घुसी थी। हम आठ छात्रों के लिए एक लाश थी। उन लाशों से हमें मानव शरीर की जटिल एनॉटमी सीखनी है। मेरी सहयोगी थी लक्ष्मी। हम दोनों को लाश का एक हाथ मिला। लेकिन यह विभाजन लक्ष्मी को पसंद नहीं आया। वह कोई लड़की सहयोगी चाहती थी। आज के दिन का अनुभव मैं कभी नहीं भूलूँगा।
9. गौरा की मृत्यु हुई: श्यामा के नाम महादेवी का पत्र                           4
                                                                    स्थान:....................,
                                                                   तारीख:....................
प्यारी बहन,
       कैसी हो? घर में सब कैसे हैं? मैं यहाँ ठीक हूँ।
       श्यामा, आज हमारी गौरा की मृत्यु हुई। तुम्हें मालूम था न कि कुछ दिनों से उसकी इलाज चल रही थी। वह बहुत दुर्बल हो गई थी। उस निर्मम ग्वाले की सुई ने हमारी प्यारी गाय का अंत कर दिया। आज सुबह, ब्रह्ममुहूर्त में, मेरे सामने ही उसकी मृत्यु हुई। उस निष्ठुर ग्वाले के विरुद्ध कोई कानूनी कार्रवाई लेने के लिए हमारे पास प्रमाण भी नहीं। लालमणि के बारे में सोचकर में ज़्यादा चिंतित होती हूँ। मैंने गौरा का पार्थिव अवशेष गंगा मैया को समर्पित किया।
       घर में सबको मेरा हैलो बोलना। शेष बातें अगली चिट्ठी में।
                                                                              तुम्हारी बहन,
                                                                                 महादेवी।
सेवा में
        श्यामा......,
        …..............
        …..............
10. गजाधर बाबू - गणेशी टेलिफोन पर बातचीत (घर पहुँचने पर निराशा के 
     अनुभव)                                                                         4
गजाधर बाबू: हैलो, गणेशी है?
गणेशी:        हाँ जी, मैं गणेशी बोल रहा हूँ। आप कैसे हैं?
गजाधर बाबू: ऐसे ही चल रहा है। तुम कैसे हो गणेशी
गणेशी:       मैं तो ठीक हूँ जी। मैंने आज भी आपके बारे में सोचा था। परिवार के साथ 
              बड़ी खुशी के साथ रहते होंगे न जी?
गजाधर बाबू: वह मेरी इच्छा मात्र रह गई गणेशी।
गणेशी:       क्यों जी? ऐसा क्यों बता रहे हैं?
गजाधर बाबू: मेरी बीबी-बच्चों को मेरे पैसे ही चाहिए। उनके लिए मेरी उपस्थिति भी 
              अच्छी नहीं लगती।
गणेशी:       हे भगवान! मैं क्या सुन रहा हूँ! पैंतीस साल तक अकेले रहकर परिवार के 
              साथ रहना शुरू करने पर ऐसा अनुभव?
गजाधर बाबू: मेरा परिवार मस्ती खुशी में ही सदा तत्पर है। कोई भी काम करने के लिए 
              तैयार नहीं। वेतन नहीं पेंशन मात्र है न? मैंने नौकर को छोड़ दिया। लेकिन 
              उससे मेरा परिवार असंतृप्त है।
गणेशी:       आपकी बीबी कैसी है जी?
गजाधर बाबू: बीबी तो सदा शिकायत करती है कि मैं अकेले साम करती हूँ, कोई भी 
              सहायता नहीं करता आदि। उससे खुशी की बातें कभी भी नहीं सुनतीं।
गणेशी:       आगे क्या करते हैं जी? वापस आते हैं? मेरे साथ रहकर काम करेंगे?
गजाधर बाबू: नहीं गणेशी। मैं एक चीनी मिल में नौकरी के लिए जाने के बारे में सोच 
              रहा हूँ। ठीक है गणेशी, फिर से फोन करूँगा।
गणेशी:      जी, ज़रूर कीजिए। धन्यवाद।


11. 'पर्यावरण की सुरक्षा में जैवविविधता का महत्वपूर्ण स्थान है' -  
     पोस्टर                                                                4
पर्यावरण हमारा रक्षा कवच है
पर्यावरण की रक्षा करें।
        जैविक विविधता पर्यावरण की रक्षा करती है।
    सावधान!
जंगलों का नाश न करें।
जलस्रोतों को सुरक्षित रखें।
प्लास्टिक का उपयोग कम करें।
पहाड़ियों को न मिटाएँ।
खेतों को बचाएँ।
नदियों से रेत न निकालें।
कारखानों पर नियंत्रण रखें।
           हमारे लिए, आगामी पीढ़ी के लिए
      पर्यावरण को बचाएँ।
    12. इस कविता का विषय 'शहरीकरण का फल' है।                        1
    13. कवितांश का शीर्षक- 'शहर'                                 1
    14. यह कवितांश मशहूर कवि रामेश्वर कांबोज हिमांशु से लिखा गया है। इसमें कवि 
     शहरीकरण की हानियों पर पाठकों का ध्यान आकर्षित करते हैं।
          एक डाल से टूट गया पत्ता उड़ते-उड़ते कलकत्ता नगर पहुँचा। महानगर की भीड़ देखकर बेचारा पत्ता घबराया। कहीं भी देखें धूल-धुआँ हैं। पत्ते का सिर चक्कराने लगा। महानगर का शोरगुल सुनकर उसके कान का परदा फट गया। बहुत घबराकर बेचारा पत्ता किसी न किसी तरह अपनी बगिया में वापस आया।
          शहरीकरण के दुष्प्रभाव कवि ने अच्छी तरह व्यक्ति किया है। शहरीकरण एक विकराल समस्या बनते इस ज़माने में यह कवितांश बिलकुल प्रासंगिक और अच्छा है।            4
    15. संशोधन                                                                    2
    सैकड़ों वर्ष पहले की बात है। एक नगर में चित्रसेन नामक एक चित्रकार रहता था। वह चित्रकला में बड़ा पारंगत था। धीरे-धीरे उसकी ख्याति पूरे राज्य में फैलने लगी
    16. योजक से वाक्यों को मिलाकर लिखें।                                      1
         डॉक्टर से मिला और दवा भी ली लेकिन बुखार से आराम नहीं मिला।
    17. गुलाम शब्द संज्ञा है।                                                        1
    18. इसका में निहित सर्वनाम यह है।                                            1
    19. अनुभव शब्द का समानार्थी शब्द महसूस है।                                1
    20. समाज में बदलाव का असर बोली पर ज्यादा पड़ता है।                   1
    21. दास के अर्थ में गुलाम शब्द के इस्तेमाल के पीछे यह तथ्य भी छुपा है कि किसी ज़माने में अरब देशों में सेवा टहल के लिए बच्चों को काम में लिया जाता रहा।                    2
    22. उचित विशेषणों से खंड का पुनर्लेखन                                 2
    पड़ोसी के अहाते में आम और अमरूद के बड़े पेड़ हैं। उन्हीं के पास जासोन के लाल फूल खिले रहते हैं। ये फूल देखने में बहुत सुंदर हैं। कोई उन्हें तोड़ लें तो दूसरे दिन फिल खिल उठते हैं।



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    Thursday, 13 February 2014

    आसरा 18 (13.02.2014)


    എസ്.എസ്.എല്‍.സി. മോഡല്‍ പരീക്ഷ ഫെബ്രുവരി 2014 ഹിന്ദി ചോദ്യക്കടലാസ്സ് - ഒരു വിലയിരുത്തല്‍
                                            തയ്യാറാക്കിയത്:
    രവി. എം., ജി.എച്ച്.എസ്.എസ്., കടന്നപ്പള്ളി,
    1. ചോദ്യം 1ല്‍ कोष्ठक से घटनाएँ चुनकर खाली स्थानों की पूर्ति करें എന്നാകണമായിരുന്നു നിര്‍ദ്ദേശം. ചോദ്യം 2ല്‍ നിര്‍ദ്ദേശം കൃത്യമായി കൊടുത്തിരിക്കുന്നതുപോലെ (अंग्रेज़ी शब्दों के स्थान पर समानार्थी शब्दों से...)ബ്രാക്കറ്റില്‍ കൊടുത്ത घटनाएँ 2 എണ്ണമുണ്ട് എന്ന് എല്ലാ കുട്ടികള്‍ക്കും മനസ്സിലാകണമെന്നില്ല, കാരണം തെറ്റായ രീതിയിലാണ് കൊടുത്തിരിക്കുന്നത്. ചോദ്യത്തില്‍ घटना എന്ന് ഏകവചനത്തില്‍ കൊടുക്കുകയും ചെയ്തിരിക്കുന്നത് അല്‍പം ആശയക്കുഴപ്പത്തിന് കാരണമാകുന്നു.
    2. ചോദ്യം 7 ല്‍ रेडियो खुला छोड़कर गए हैं, भूतों को सुनाने के लिए എന്ന് (ഉദ്ധരണ ചിഹ്നത്തോടെ) കൊടുക്കണമായിരുന്നു. കാരണം ഇത് പാഠപുസ്തകത്തില്‍ നിന്ന് മാറ്റമില്ലാതെ അവതരിപ്പിച്ചതാണ്.
    3. ചോദ്യം 8ല്‍ गौरा की दयनीय दशा എന്ന് കൊടുത്തിരിക്കുന്നതില്‍ മലയാളച്ചുവയുണ്ട്. दयनीय എന്ന് സാധാരണയായി ഹിന്ദിയില്‍ കൊടുത്തുകാണാറില്ല. करुणामय, दयापूर्ण എന്നൊക്കെയായിരുന്നു ഹിന്ദിക്ക് യോജിച്ച പ്രയോഗങ്ങള്‍.
    അതുപോലെത്തന്നെ ड़ाक्टर എന്നതിന് പകരം डॉक्टर എന്നായിരുന്നു വേണ്ടിയിരുന്നത്. കൂടാതം महादेवी वर्मा എന്നതിന് പകരം തെറ്റായി महादेवीवर्मा എന്നും കൊടുത്തിരിക്കുന്നു.
    4. ചോദ്യം 9 ല്‍ अनाटमि എന്ന് കൊടുത്തിരിക്കുന്നു. പാഠപുസ്തകത്തില്‍ കൊടുത്തിരിക്കുന്നപോലെ (एनॉटमी) അവസാനം ी തന്നെയായിരുന്നു ഉചിത രൂപം. ഇംഗ്ലീഷ് പദമാണെങ്കിലും അവസാനം ഹ്രസ്വമായിക്കൊടുത്തത് ഉചിതമല്ല.
    5. ചോദ്യം 10 ല്‍ डौली എന്ന പദം തെറ്റായി (डोली)ആണ് കൊടുത്തിരിക്കുന്നത്. ചോദ്യത്തിന്റെ സന്ദര്‍ഭം ഉചിതമാണെങ്കിലും 5 വയസ്സുള്ള കുട്ടി എഴുതുന്ന ഡയറിയെന്നത് ചോദ്യത്തിന്റെ ഔചിത്യത്തെ സംബന്ധിച്ച് ആശങ്കയുയര്‍ത്തുന്നു.
    6. ചോദ്യം 11 ല്‍ हाथियों द्वारा मरे हाथी को दफ़नाने की घटना എന്നതിന് പകരം हाथियों द्वारा मरे हाथी के दफ़नाए जाने की घटना എന്നതായിരുന്നു ശരിക്കും വേണ്ടിയിരുന്നത്.
    7. 12 മുതല്‍ 14 വരെ ചോദ്യങ്ങള്‍ക്ക് വേണ്ടി കൊടുത്ത കവിതാഭാഗം കുട്ടികള്‍ക്ക് പ്രയാസമാകില്ലെങ്കിലും യൂനിറ്റുകളില്‍ ചര്‍ച്ചചെയ്യുന്ന പ്രശ്നങ്ങളുമായി ബന്ധമോ സമകാലിക പ്രസക്തിയോ ഇല്ലാത്തത് അവരുടെ വിലയിരുത്തല്‍ സുഗമമാക്കുകയില്ല.
    8. ചോദ്യം 15 ല്‍ खड़ी എന്നതിന് പകരം खडी എന്നാണ് കൊടുത്തിരിക്കുന്നത്.
    9. ചോദ്യം 16 ല്‍ छोटा बच्चा प्यासा था എന്നതിന് പകരം प्यासाबच्चा छोटा था എന്ന് കുട്ടി ഉത്തരമെഴുതിയാലും കുറ്റം പറയാനാകില്ല. ഒരു വിട്ടഭാഗത്തിന് ഒരു ഉത്തരം മാത്രം ശരിയാകുന്ന രീതിയില്‍ത്തന്നെ കൊടുക്കേണ്ടിയിരിക്കുന്നു. അതുപോലെ इच्छुक എന്ന വിശേഷണ പദം കുട്ടികള്‍ക്ക് കഠിനവും പരിചയമില്ലാത്തതുമാകാനാണ് സാധ്യത.
    10. ചോദ്യം 17 ല്‍ कल छुट्टी है इसलिए (कल) पढ़ाई नहीं है എന്നാണ് ചോദ്യകര്‍ത്താക്കള്‍ പ്രതീക്ഷിക്കുന്ന ഉത്തരമെങ്കിലും മറ്റൊരു സന്ദര്‍ഭത്തില്‍ (ഒഴിവുദിനത്തില്‍ നന്നായി പഠിക്കുന്ന കുട്ടിക്ക്) कल छुट्टी है परंतु (कल) पढ़ाई नहीं है എന്ന് പറഞ്ഞാല്‍ തെറ്റെന്ന് പറയാനാകില്ല.
    11. 18 മുതല്‍ 21 വരെയുള്ള ചോദ്യങ്ങള്‍ക്ക് ഉത്തരമെഴുതാനായി കൊടുത്ത ഖണ്ഡിക സാധാരണ अर्थग्रहण ചോദ്യങ്ങള്‍ക്ക് കൊടുത്തുവരുന്നവയെ അപേക്ഷിച്ച് വളരെ ചെറുതായിപ്പോയി. അത് ഒരു ഖണ്ഡികയെന്ന പ്രതീതി തന്നെ ഉളവാക്കാത്തതായിപ്പോയി.
    12. ചോദ്യം 21 अपने शब्दों में वर्णन करना സാധാരണയായി अर्थग्रहण ഖണ്ഡികയുടെ കൂടെ കൊടുത്തുവരാറില്ല. ഇത് തീര്‍ത്തും അനുചിതമായിപ്പോയി. കുട്ടികള്‍ തോന്നിയത് എഴുതി വെക്കാനായിരിക്കും ശ്രമിക്കുക.
    13. ചോദ്യക്കടലാസ്സിന്റെ നിര്‍ദ്ദേശങ്ങളില്‍ മൂന്നാമതായി കൊടുത്ത यह समय प्रश्न पत्र का वाचन करने तथा उत्तर लिखने की എന്നതിന് പകരം यह समय प्रश्न पत्र के वाचन करने तथा उत्तर लिखने की എന്നായിരുന്നു വേണ്ടത്. നാലാമത്തെ നിര്‍ദ്ദേശം दो प्रश्न विकल्प हैं എന്നതും വ്യക്തമല്ല. അത് വ്യക്തമായും നിശ്ചിതമായും തന്നെ (5 से 7 तक के प्रश्नों में और 8 से 11 तक के प्रश्नों में विकल्प हैं) എന്ന് പറയാമായിരുന്നു. 4 സ്ഥലങ്ങളില്‍ അനാവശ്യ ഇടം (space) വിട്ടത് ശരിയാക്കാമായിരുന്നു.
    14. ചോദ്യനമ്പര്‍ 15ല്‍ राजु ने उसका छतरी नहीं ली थी।എന്നാണ് നല്കിയിരിക്കുന്നത്.കാരക പ്രത്യയത്തെത്തന്നെ അവിടെ കൊണ്ടുവരിക എന്നതായിരുന്നിരിക്കാം ചോദ്യകര്‍ത്താവിന്റെ ഉദ്ദേശ്യം. എന്നാല്‍ अपना യുടെ പ്രയോഗത്തില്‍ നിന്ന് വ്യതിചലിച്ചത് ഉചിതമായില്ലതന്നെ.
    പൊതുവെ ചോദ്യം നല്ലതായിത്തന്നെയാണ് എന്റെ വിലയിരുത്തല്‍.എന്നാല്‍ ലക്ഷക്കണക്കിന് കുട്ടികളെഴുതുന്ന പരീക്ഷയുടെ ചോദ്യക്കടലാസ് പരമാവധി കുറ്റമറ്റതാകണമെന്ന ആഗ്രഹമാണ് ഇത്തരത്തില്‍ സൂക്ഷ്മമായി വിലയിരുത്തുന്നതിന് പ്രചോദനം നല്‍കുന്നത്.ഏതായാലും പൊതുപരീക്ഷാ ചോദ്യക്കടലാസ് ഇത്തരം പ്രശ്നങ്ങളില്‍നിന്ന് മുക്തമായി ലഭിക്കട്ടെ എന്ന് ഞാന്‍ പ്രതീക്ഷിക്കുന്നു.

    आसरा 17 (13.02.2014) - (13-02-2014)sslc model answer

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    1. तालिका की पूर्ति करके लिखें। 2
    पाठ
    प्रोक्ति
    रचयिता
    मुफ़्त में ठगी
    कविता
     रामकुमारआत्रेय
    वापसी
    कहानी
    उषा प्रियंवदा
    भारतीय संस्कृति में गुरु शिष्य संबंध
    लेख
    आनंद शंकर माधवन
    सकुबाई
    एकपात्रीय नाटक
    नादिरा ज़हीर बब्बर
    2. आंग्रेज़ी शब्दों के स्थान पर उनके समानार्थी शब्दों से खंड का पुनर्लेखन 3
    पिताजी डाक घर में डाक टिकट और अंतर्देशीय पत्र कार्ड खरीदने गये। वहाँ वे जीवन बीमा निगम के एक कर्मचारी मिले।
    3. कोष्ठकों से घटनाएँ चुनकर खाली स्थानों की पूर्ति- 2
    • डॉक्टर की लापरवाही शीर्षक से समाचार पत्र में खबर निकली।
    • बाबूलाल तेली को चिकित्सा के लिए मुंबई भेज दिया।
    • बाबूलाल तेली की नाक पूर्ण रूप से काटकर फ़ेंक देनी पड़ी।
    • बाबूलाल तेली को जुलूस के रूप में घर लाया गया।
    4. गजाधर बाबू की विशेषताएँ- 2
    • परिवार के लिए परिश्रम करनेवाला।
    • परिवार से प्रेम रखनेवाला।
    सूचनाः 5 से 7 तक के प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लिखें।
    5. नदी मानव की स्वार्थपूर्ति के लिए बनाए गए कार्खानों से विषैला जल और कूड़े-कचड़ आदि से बिलकुल प्रदूषित हो गई है। इसलिए कवि ने कहा है कि नदी की शुभ्र त्वचा बैगनी हो गई। 2
    6. भारतीय संस्कृति के अनुसार एक गुरु के लिए अपना शिष्य अपने बेटे से भी प्यारा होता है। संगीतकारों, पहलवानों और साधुओं के बीच में आज भी अच्छा गुरु-शिष्य संबंध कायम है। गामा के कथन से यही व्यक्त होता है। यह अच्छा और अनुकरणीय है।
    7. मध्यवर्गीय परिवार के लोगों का विचार है कि हमने घर का काम करने के लिए बाई रखी है तो हम काम क्यों करें। घर के सारे-के-सारे काम नौकरानियों पर छोड़ने का बुरा मनोभाव यहाँ व्यक्त होता है।

    सूचनाः 8 से 11 तक के प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लिखें।

    8. गौरा की दयनीय दशाः महादेवी वर्मा और पशु चिकित्सक के बीच का
    वार्तालाप। 4
    महादेवीः आइए डॉक्टर, हमारी गौरा की जाँच कीजिए।
    पशु चिकित्सकः हाँ जी, हम आपकी गौरा की जाँच अभी करते हैं। अच्छा गाय को क्या
    हुआ है?
    महादेवीः आजकल यह दाना-चार बहुत कम लेती है और उत्तरोत्तर कमज़ोर
    होती जा रही है।
    पशु चिकित्सकः कितने दिनो से यह दिखाई पड़ा है?
    महादेवीः 10-15 दिनों यह ऐसी है। ऐसा क्यों होता है डॉक्टर?
    पशु चिकित्सकः जाँच करना पड़ेगा।
    महादेवीः क्या यह कोई बीमारी होगी डॉक्टर?
    पशु चिकित्सकः मुझे संदेह है कि उसके पेट में सुई पहुँची है।
    महादेवीः सुई! वह कैसे होती है! दाना-चारा तो हमीं देते हैं।
    पशु चिकित्सकः दाना-चारा के साथ सुई पेट तक नहीं पहुँचती। मुँह में छिदकर रहती है। किसी ने खिलाई होगी।
    महादेवीः कैसे बचा सकते हैं डॉक्टर?
    पशु चिकित्सकः निश्चित रूप से बताने के लिए एक्स रे, निरीक्षण-परीक्षण आदि करना
    पड़ेगा।
    महादेवीः जल्दी कीजिए। मेरी गौरा को बचाइए।
    9. एनॉटमी हॉल के अनुभवों के आधार पर मित्र के नाम देवदास का पत्र। 4
    तिरुवनंतपुरम,
    तारीखः...............
    प्रिय महेश,
    तुम कैसे हो? घर में सब कैसे हैं? मैं यहाँ ठीक हूँ।
    मेडिकल कॉलेज में आज मेरा पहला दिन था। थोड़ी-सी घबराहट के साथ आज मैं कॉलेज पहुँचा। एनॉटमी हॉल में एनॉटमी के प्रोफेसर डॉ. कुमार ने बड़ा भाषण दिया। पूरे भाषण में उपदेश और निर्देश थे। वे कह रहे थे कि, यह एक निस्वार्थ सेवा है, पैसे की लालच में कोई भी डॉक्टर न बने आदि। डॉक्टर के लिए वसुधा ही कुटुंब है। उसे धर्म, जाति, लिंग, भाषा, रंग आदि किसी भी भेदभाव नहीं होना चाहिए। उनका भाषण समाप्त होने पर ऐसा लगा कि एक आँधी उभरी और धम गई। हॉल में बड़े मर्तबानों में मानव शरीर के विभिन्न अंग दवा में डालकर रखे थे। क्या-क्या पढ़ना होगा!
    तुम्हारे माँ-बाप को मेरा प्रणाम। शेष बातें अगले पत्र में।
    तुम्हारा मित्र,
    देवदास।
    सेवा में
    श्री. के. महेश,
    ….................
    10. पिल्लों को गरम पानी में डुबोकर मरवा दिया है। डौली की डायरी। 4
    तारीखः...................
    आज मैं स्कूल से वापस आने पर पिल्ले गायब थे। मैं लंबी देर तक ढूँढती रही। लेकिन अंत में पता चला कि उनको गरम पानी में गोता देकर मरवा दिया गया है! मेरी मामा और आया पहले झूठ बोल रही थीं। मैं रो-रोकर बेहाल हो गई। शामको मैंने कुछ नहीं खाया। हे भगवान! इतने प्यारे पिल्लों के कैसे मार सकते हैं! मेरे मामा-पापा कैसे यह निष्ठुर कार्य करवा सकते हैं! मैं उनसे बात नहीं करूँगी। मेरे लिए यह असह्य है। आया ने कहा था कि डैनी पिल्लों को पर्याप्त मात्रा में दूध दे नहीं सकती। मैं विश्वास नहीं करती। यह बड़ी निर्ममता है। यह दिन मैं कैसे भूलूँ।
    11. हाथियों द्वारा मरे हाथी को दफ़नाने की घटना अगले दिन के समाचार पत्र
    में। 4
    साथियों ने किया हाथी का शवदाह
    राँची : तोरपा जंगल के बीच की सड़क पर नीचे गिरे बिजली के तारों से झटका लगकर एक हाथी मर गया था। खबर पाते ही गाँववाले वहाँ पहुँचे और लाठी से मारकर, ठोकर मारकर और चाकू से मारकर अपना गुस्सा उतारने लगे। क्योंकि कुछ दिन पहले एक जंगली हाथी ने तोरपा ब्लॉक के कई घरों और इनसानों को रौंद डाला था। पुलिसवाले भी दाँत निकालकर उनके साथ लगे थे। एक महीने तक लाश वहाँ पड़ी रही। फिर हाथियों का झुंड वहाँ आकर उसके चारों ओर घेर लिया। किसी को उसके पास तक फटकने नहीं दिया। दिन रात उसकी रखवाली करके वे जंगल में एक गड्ढा ढूँढकर उसमें दफनाया। मानव लाश पर भी अत्याचार कर रहे थे, लेकिन हाथियों ने अपने साथी की लाश का अंतिम संस्कार किया।
    सूचनाः कवितांश पढ़कर 12 से 14 तक के प्रश्नों के उत्तर लिखें।
    12. सूरज हमको जगाता है। 1
    13. 'सूरज' 1
    14. कविता का आशय- 3
    यह कवितांश सूरज के महत्व के बारे में बताता है।
    कवि कहता है कि सूरज आसमान में सुबह आकर हमको रोज़ जगाता है। वह अपने पथ पर कभी नहीं रुकता। एक ही गति में आगे बढ़ता रहता है। गर्मी में सूरज आग के समान गर्मी पैदा करता है। लेकिन यही सूरज बरसात के दिनों में चुपके से आकर सात रंगों का इन्द्रधनुष बनाता है। तब आकाश बहुत सुंदर होता है।
    सूरज रोज़, निरंतर एक ही गति में चलकर हमें रात और दिन देता है। रोशनी, गर्मी और ऊर्जा देकर वह हमारी बड़ी सहायता करता है। सूरज का महत्व बतानेवाला यह कवितांश बहुत अच्छा है।
    सूचनाः संशोधन करके खंड का पुर्लेखन करें।
    15. वर्षा का दिन था। राजू ने उसकी (अपनी) छतरी नहीं ली थी। वर्षा समाप्त होने तक स्कूल में वह खड़ा रहा
    2
    सूचनाः उचित विशेषण चुनकर खंड का पुनर्लेखन करें।
    16. छोटा बच्चा प्यासा था। वह ठंडा पानी पीने का इच्छुक था। 2
    सूचनाः उचित योजग चुनकर वाक्यों को जोड़कर लिखें
    17. कल छुट्टी है इसलिए (कल) पढ़ाई नहीं है। 1
    सूचनाः खंड पढ़कर 18 से 21 तक के प्रश्नों के उत्तर लिखें।
    18. 'उसमें' में प्रयुक्त सर्वनाम वह है।
    19. 'एक विचित्र बीमारी फैल गई।' वाक्य में 'बीमारी' शब्द संज्ञा है। 1
    20. 1945 में हिरोशिमा में एटम बम गिरा। 1
    21. हिरोशिमा शहर में परमाणुबम गिरने से हुए विस्फोट में पूरे शहर का नाश हुआ। गर्मी, सर्दी, महामारी आदि इस विस्फोट के बाद की आपदाएँ थीं। लाखों लोगों की मृत्यु हुई, उससे भी अधिक लोग घायल हुए। परमाणु बम ने पूरे शहर को तहस-नहस कर डाला। 2

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